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'सीजफायर की बातचीत में नहीं हुआ टैरिफ का जिक्र', अमेरिका के बयान का विदेश मंत्रालय ने किया खंडन

भारत सरकार ने अमेरिका के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि टैरिफ की धमकी ने भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम में भूमिका निभाई. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि 7 से 10 मई के बीच ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका से हुई बातचीत में टैरिफ का कोई उल्लेख नहीं था. भारत ने कहा कि बातचीत केवल सुरक्षा और रणनीतिक मामलों तक सीमित थी. भारत ने इसे आधारहीन बताते हुए अपनी नीति की स्वायत्तता पर बल दिया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

भारत सरकार ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ हालिया संघर्षविराम को लेकर अमेरिका के साथ हुई बातचीत में टैरिफ या व्यापार शुल्क से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं उठाया गया. विदेश मंत्रालय का यह बयान उस वक्त आया जब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने एक अदालत में यह दावा किया कि टैरिफ की धमकी ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

विदेश मंत्रालय का सख्त खंडन

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक मीडिया ब्रीफिंग में इस दावे को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा, “भारत का रुख इस मुद्दे पर बिल्कुल स्पष्ट है. 7 मई से लेकर 10 मई तक जब ऑपरेशन सिंदूर चल रहा था, उस दौरान भारत और अमेरिका के बीच नियमित संपर्क बना हुआ था, लेकिन कहीं भी टैरिफ या व्यापारिक प्रतिबंधों पर कोई चर्चा नहीं हुई.”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत ने अमेरिका से बातचीत में केवल रणनीतिक और क्षेत्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर ही संवाद किया था, और व्यापार या दबाव की भाषा का कोई स्थान नहीं था.

अमेरिकी अदालत में ट्रंप प्रशासन का बयान

इससे पहले अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने एक कानूनी दस्तावेज में कहा था कि भारत पर टैरिफ लगाने की चेतावनी ने उसे पाकिस्तान के साथ शांति बनाए रखने के लिए प्रेरित किया. प्रशासन ने इसे अपने कूटनीतिक प्रयासों की सफलता के रूप में पेश किया और कहा कि इससे तीन दिन से चल रही सैन्य तनातनी का अंत संभव हुआ.

हालांकि, भारत ने इस दावे को आधारहीन और भ्रामक बताया है, और कहा है कि यह दोनों देशों के बीच पारदर्शी वार्ताओं की प्रकृति को गलत तरीके से प्रस्तुत करता है.

ऑपरेशन सिंदूर 

गौरतलब है कि 7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी, जो जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था. यह अभियान 10 मई को समाप्त हुआ. इस दौरान भारत ने न केवल सीमाओं पर सख्त कार्रवाई की, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपने कूटनीतिक साझेदारों से भी संपर्क बनाए रखा.

भारत का कहना है कि अमेरिका के साथ संवाद में केवल क्षेत्रीय स्थिरता, आतंकवाद विरोधी सहयोग और सुरक्षा से जुड़ी प्राथमिकताओं पर ही बात हुई थी. टैरिफ जैसी बातें भारत की स्वायत्तता और नीति निर्धारण की स्वतंत्रता के विरुद्ध हैं.

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29 May 2025, 04:56 PM IST

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