'वक्फ कानून पर हिंसा चिंताजनक, तनाव को भी दे रही बढ़ावा...' बंगाल में बवाल पर सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून पर सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा पर अदालत ने चिंता जताई. 'वक्फ बाय यूजर' को हटाने से पहले संतुलन की जरूरत बताई. वहीं, ममता बनर्जी ने इस कानून को अत्याचारी बताते हुए केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए.

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन बिल को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर गहरी चिंता जताई गई. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अनुपस्थिति में, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस हिंसा को 'परेशान करने वाला' करार दिया. अदालत ने कहा कि जब मामला सुनवाई में है, तब इस तरह की घटनाएं ना सिर्फ चिंताजनक हैं, बल्कि तनाव को भी बढ़ावा देती हैं.
गौरतलब है कि संसद के दोनों सदनों से वक्फ संशोधन बिल पारित होते ही देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे, जिनमें मुस्लिम समुदाय ने इस कानून को 'धार्मिक अधिकारों का हनन' बताते हुए वापस लेने की मांग की थी. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में इस मुद्दे को लेकर भड़की हिंसा के बाद कई हिंदू परिवारों को पलायन करना पड़ा, जिसके चलते राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर मामला और गंभीर हो गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ये वाकई में चिंताजनक है कि जब मामला इस समय न्यायालय में है, तब इस तरह की हिंसात्मक घटनाएं हो रही हैं. ये टेंशन को और बढ़ा रहा है. कोर्ट ने इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए 'वक्फ बाय यूजर' को पूरी तरह से हटाने के खिलाफ संकेत दिए. कोर्ट का मानना है कि इस श्रेणी का दुरुपयोग जरूर हुआ है, लेकिन इसे पूरी तरह से खत्म कर देना भी समस्या खड़ी कर सकता है.
केंद्र सरकार ने जताई आपत्ति
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रस्ताव रखा कि अभी घोषित वक्फ संपत्तियों को, खासकर 'वक्फ बाय यूजर' के तहत, फिलहाल गैर-अधिसूचित नहीं किया जाएगा. इस पर केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आपत्ति जताई और कोर्ट से इस पर विस्तृत सुनवाई की मांग की. कोर्ट ने इसे मानते हुए अगली सुनवाई गुरुवार दोपहर 2 बजे की है. इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश और पीएस नरसिंह की पीठ कर रही है. सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, राजीव धवन और सीयू सिंह याचिकाकर्ताओं की ओर से उपस्थित थे. इन याचिकाओं में कहा गया है कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21, 25 और 26 का उल्लंघन करता है और ये धार्मिक स्वतंत्रता एवं मौलिक अधिकारों पर सीधा आघात है.
ममता बनर्जी का केंद्र पर हमला
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पूरे विवाद पर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि इस अत्याचारी वक्फ कानून को लागू ना किया जाए. इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए देश को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं.