तमिलनाडु BJP के अध्यक्ष से लेकर उपराष्ट्रपति पद तक...जानें सीपी राधाकृष्णन से जुड़ी कुछ खास बातें
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने उपराष्ट्रपति पद के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार घोषित किया है. तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले राधाकृष्णन, भाजपा के दिग्गज नेता हैं. उन्होंने दक्षिण भारत में पार्टी को मजबूत किया और 90 के दशक से उनके नेतृत्व ने खूब सुर्खियां बटोरीं.

CP Radhakrishnan: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार का नाम घोषित कर दिया गया है. गठबंधन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेताओं में शुमार राधाकृष्णन का राजनीति और संगठन दोनों में गहरा अनुभव रहा है. तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले राधाकृष्णन लंबे समय तक प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी रहे. उन्होंने दक्षिण भारत में पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिए लगातार मेहनत की और 90 के दशक में वे भाजपा के सबसे चर्चित चेहरों में शामिल हो गए.
NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की बड़ी बातें
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सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं और जुलाई 2024 से महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं.
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सीपी राधाकृष्णन फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्यरत रहे.
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मार्च से जुलाई 2024 तक उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी संभाली.
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झारखंड के राज्यपाल रहते हुए उन्होंने महज चार महीनों में राज्य के सभी 24 जिलों का दौरा किया और आम लोगों व अधिकारियों से मुलाकात की.
राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
राधाकृष्णन का जन्म 1957 में तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ. उन्होंने कोयंबटूर के चिदंबरम कॉलेज से बीबीए किया. कॉलेज के दिनों में वे टेबल टेनिस चैंपियन और तेज धावक रहे. उन्हें क्रिकेट और वॉलीबॉल खेलना भी पसंद था. RSS और शुरुआती राजनीतिक करियर सीपी राधाकृष्णन दो बार कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए. वे 2004 से 2007 तक तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष रहे. इस दौरान उन्होंने 93 दिन तक चलने वाली 19,000 किलोमीटर लंबी ‘रथ यात्रा’ निकाली थी. इस यात्रा का उद्देश्य भारतीय नदियों को जोड़ना, आतंकवाद खत्म करना, समान नागरिक संहिता लागू करना और ड्रग्स के खिलाफ अभियान चलाना था.
सीपी राधाकृष्णन का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से गहरा जुड़ाव है. 1974 में वे भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने. उनके राजनीतिक करियर में यह शुरुआती बड़ा पड़ाव माना जाता है.
अंतरराष्ट्रीय दौरे और योगदान
राधाकृष्णन कामकाज के सिलसिले में कई देशों की यात्रा कर चुके हैं. इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, पुर्तगाल, फ्रांस, स्पेन, इटली, नॉर्वे, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, बेल्जियम, हॉलैंड, तुर्की, चीन, मलेशिया और सिंगापुर जैसे देश शामिल हैं. 2016 में वे कोच्चि के कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष बने. चार साल के कार्यकाल के दौरान भारत से कॉयर निर्यात 2532 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.


