एअर इंडिया की इंटरनेशनल फ्लाइट्स में 15% कटौती, अहमदाबाद हादसे के बाद बड़ा फैसला
अहमदाबाद हादसे के बाद एअर इंडिया ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में 15% कटौती का फैसला लिया है, जो 20 जून से जुलाई अंत तक लागू रहेगा. वाइड-बॉडी विमान प्रभावित होंगे. यात्रियों को पूरा रिफंड और वैकल्पिक विकल्प मिलेंगे. यह निर्णय तकनीकी खामियों और उड़ान रद्द होने की घटनाओं के चलते लिया गया है.

12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद क्रैश हो गई. इस भयावह हादसे में 297 यात्रियों की जान गई. फ्लाइट में 242 यात्री और क्रू थे, जिनमें से केवल एक की जान बच सकी. इस घटना के बाद एअर इंडिया सवालों के घेरे में है.
अहमदाबाद की इस दुर्घटना के बाद, कंपनी की कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू फ्लाइट्स में तकनीकी खामियां सामने आईं. एक हफ्ते के भीतर 80 से ज्यादा फ्लाइटें रद्द करनी पड़ीं. यात्रियों को न सिर्फ असुविधा का सामना करना पड़ा, बल्कि उनके मन में सुरक्षा को लेकर डर बैठ गया. बार-बार की इमरजेंसी लैंडिंग और तकनीकी फेल्योर के मामले सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गए.
एअर इंडिया का बड़ा फैसला: अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में 15% कटौती
इन घटनाओं के मद्देनज़र, एअर इंडिया ने अंतरराष्ट्रीय सेवाओं में 15 प्रतिशत की कटौती का निर्णय लिया है. यह फैसला 20 जून से लागू होगा. कंपनी ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय सुरक्षा जांच, तकनीकी मूल्यांकन और मिडिल ईस्ट के तनावपूर्ण हालात को देखते हुए लिया गया है. खासकर बोइंग 787-8/9 और 777 विमानों की व्यापक जांच की जा रही है.
DGCA की सख्ती और आंतरिक मूल्यांकन
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया के विमानों की सुरक्षा जांच के निर्देश दिए हैं. जांच अब तक 50% पूरी हो चुकी है. कंपनी ने भरोसा दिलाया है कि अतिरिक्त सतर्कता के तहत और भी विमानों की गहन जांच की जाएगी ताकि यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके.
यात्रियों को मिलेगा पूरा रिफंड और अन्य विकल्प
एअर इंडिया ने उन यात्रियों को राहत दी है जिनकी फ्लाइट्स इस कटौती के तहत रद्द होंगी. उन्हें न सिर्फ पूरा रिफंड मिलेगा, बल्कि वैकल्पिक यात्रा विकल्प भी दिए जाएंगे. एयरलाइन ने यात्रियों से सहयोग की अपील की है.
कंपनी की छवि पर असर
लगातार हादसे और तकनीकी गड़बड़ियों ने एयर इंडिया की छवि को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. यात्रियों का भरोसा डगमगाने लगा है, खासकर बोइंग विमानों को लेकर डर गहराता जा रहा है.
भविष्य की राह कठिन
हालात को काबू में लाने के लिए एयर इंडिया को अब बेहद सावधानी और पारदर्शिता से काम करना होगा. सुरक्षा ही अब सबसे बड़ी प्राथमिकता है, वरना यह संकट कंपनी को और गहरा नुकसान पहुंचा सकता है.


