मणिपुर: गवर्नर हाउस के पास प्रदर्शन हुआ उग्र, सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 7 घायल
मणिपुर में गवर्नर हाउस के पास प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हो गई. इस झड़प में 7 लोग घायल हो गए.

इम्फाल में रविवार को उस समय तनाव की स्थिति बन गई जब राजभवन की ओर मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े और नकली बमों का इस्तेमाल किया. इस कार्रवाई में कम से कम सात महिलाएं घायल हो गईं.
अस्मिता पर चोट
यह विरोध मणिपुर अखंडता समन्वय समिति (COCOMI) के आह्वान पर आयोजित किया गया था. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि एक सरकारी बस से “मणिपुर” शब्द को हटा दिया गया, जिसे वे राज्य की अस्मिता पर चोट मानते हैं.
COCOMI के संयोजक खुरैजम अथौबा ने इस घटना की निंदा करते हुए राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से औपचारिक माफी की मांग की है. उन्होंने कहा कि राज्य के नाम को इस तरह हटाना मणिपुर की अखंडता और सम्मान के खिलाफ है. 20 मई को, उखरुल जिले में आयोजित शिरुई लिली महोत्सव की कवरेज के लिए जा रही एक मीडिया टीम को वापस लौटना पड़ा, जब सुरक्षा बलों ने ग्वालटाबी क्षेत्र में उनकी बस को रोक लिया.
पत्र लिखकर जताई आपत्ति
ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन (AMWJU) और एडिटर्स गिल्ड मणिपुर (EGM) ने राज्यपाल को एक संयुक्त पत्र लिखकर इस घटना पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि मीडिया टीम को ले जा रही बस से "मणिपुर राज्य परिवहन निगम" का साइनेज छिपाने के लिए मजबूर किया गया, जो प्रेस की स्वतंत्रता और राज्य के नाम के साथ छेड़छाड़ का प्रतीक है.
मणिपुर सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दो सदस्यीय जांच समिति गठित की है, जो इस घटना की जांच करेगी और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश करेगी. फिलहाल, प्रशासन का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन घटना ने राज्य में संवेदनशीलता और असंतोष को उजागर कर दिया है.


