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सीमा से हटाए 72 आतंकी लॉन्चपैड...ऑपरेशन सिंदूर के बाद खौफ में पाकिस्तान

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने सीमा के पास मौजूद 72 आतंकी लॉन्चपैड्स को अंदरूनी इलाकों में शिफ्ट कर दिया है. बीएसएफ के अनुसार सियालकोट और ज़फरवल क्षेत्र में कई लॉन्चपैड सक्रिय हैं, लेकिन सीमा के पास कोई प्रशिक्षण कैंप नहीं है. जैश और लश्कर के आतंकियों को अब संयुक्त रूप से ट्रेनिंग दी जा रही है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : ऑपरेशन सिंदूर के प्रभाव के बाद पाकिस्तान ने अपनी सीमा के निकट मौजूद लगभग 72 आतंकवादी लॉन्चपैड्स को पीछे हटाते हुए गहराई वाले इलाकों में स्थानांतरित कर दिया है. इस कदम की पुष्टि बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने की, जिन्होंने बताया कि सीमा के आसपास अब किसी प्रकार के प्रशिक्षण शिविर सक्रिय नहीं हैं. यह बदलाव पाकिस्तान की ओर से दबाव और सुरक्षा जोखिमों को कम करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, ताकि किसी भी संभावित भारतीय कार्रवाई से अपने संसाधनों को बचाया जा सके.

अंदरूनी क्षेत्रों में लगभग बारह लॉन्चपैड चालू

बीएसएफ डीआईजी विक्रम कुंवर ने बताया कि सियालकोट और ज़फरवल के अंदरूनी क्षेत्रों में लगभग बारह लॉन्चपैड चालू हैं, जबकि अन्य स्थानों पर करीब साठ लॉन्चपैड सक्रिय स्थिति में हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि ये ठिकाने स्थायी स्वरूप में नहीं चलते, बल्कि आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने से ठीक पहले काम में लाए जाते हैं. इस समय सीमा के बिलकुल पास किसी भी तरह का प्रशिक्षण कैंप मौजूद नहीं है, जिससे पता चलता है कि पाकिस्तान ने अपने पैंतरे बदले हैं.

आतंकी समूहों की संयुक्त ट्रेनिंग व्यवस्था
डीआईजी कुंवर ने यह भी बताया कि पहले जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अलग-अलग स्थानों से संचालित होते थे, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद इन संगठनों के सदस्यों को मिलाकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यह बदलाव पाकिस्तान की उस कोशिश का संकेत देता है जिसमें वह अपने उपलब्ध संसाधनों को एकीकृत कर आतंकियों को संयुक्त रणनीति के तहत प्रशिक्षित कर रहा है, जिससे घुसपैठ की योजनाओं को अंजाम देना आसान हो सके.

BSF की तैयारी और संभावित आगे की कार्रवाई
जम्मू फ्रंटियर के आईजी शशांक आनंद के अनुसार, यदि सरकार ऑपरेशन सिंदूर को फिर से प्रारंभ करने का आदेश देती है, तो बीएसएफ किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि बीएसएफ के पास 1965, 1971, 1999 के करगिल युद्ध और हालिया ऑपरेशन सिंदूर में मिले अनुभव हैं, जिनके आधार पर वह आवश्यकता पड़ने पर पाकिस्तान को और भी अधिक नुकसान पहुँचाने में सक्षम है.

सीमा की वर्तमान स्थिति और रेंजर्स की गतिविधियां
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी रेंजर्स अपनी चौकियों को छोड़ने पर मजबूर हो गए थे, लेकिन स्थिति सामान्य होने पर उनका वापस लौटना तय माना जा रहा है. आईजी आनंद ने कहा कि सीमा पर हर गतिविधि पर बीएसएफ की सख्त निगरानी जारी है और परिस्थितियों के अनुसार उचित कदम उठाए जाएंगे. फिलहाल सीमा पर आतंकियों की कोई सक्रिय हलचल नहीं देखी गई है, लेकिन बीएसएफ लगातार तैयारियों और सतर्कता को बरकरार रखे हुए है.

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29 November 2025, 09:22 PM IST

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