8.0 तीव्रता का भूकंप और मेगा सुनामी, अमेरिका के तटीय शहरों पर भारी तबाही का डर
अमेरिका पर एक विनाशकारी प्राकृतिक आपदा का खतरा मंडरा रहा है. वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले 50 वर्षों में किसी भी समय कैस्केडिया सबडक्शन ज़ोन में 8.0 या इससे अधिक तीव्रता का भूकंप आ सकता है, जिससे एक हजार फीट ऊंची सुनामी लहरें उठेंगी.

दुनिया की सबसे ताकतवर सैन्य और आर्थिक महाशक्ति अमेरिका पर अब प्रकृति का बड़ा खतरा मंडरा रहा है. वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि अमेरिका के तटीय इलाकों में आने वाले वर्षों में भयंकर भूकंप और उसके बाद एक विनाशकारी सुनामी तबाही ला सकती है. खास बात यह है कि इस जलप्रलय में एक हजार फीट ऊंची लहरें उठ सकती हैं, जो पूरे शहरों को निगलने में सक्षम होंगी.
यह चेतावनी वर्जीनिया टेक यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अध्ययन में सामने आई है, जिसे ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ जर्नल में प्रकाशित किया गया है. अध्ययन में बताया गया है कि आने वाले 50 वर्षों में कभी भी कैस्केडिया सबडक्शन ज़ोन में 8.0 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप आ सकता है, जिससे अमेरिका के कई तटीय शहर जमीन में धंस सकते हैं और विशाल सुनामी लहरें तबाही मचा सकती हैं.
क्या है कैस्केडिया सबडक्शन जोन?
कैस्केडिया सबडक्शन ज़ोन उत्तरी वैंकूवर द्वीप से लेकर कैलिफ़ोर्निया के केप मेंडोकिनो तक फैला हुआ है. यह क्षेत्र दो टेक्टोनिक प्लेट्स के मिलने का स्थान है, जो भूकंपों के लिए सबसे संवेदनशील माने जाते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस ज़ोन में आने वाला अगला बड़ा भूकंप अचानक और बिना किसी चेतावनी के आ सकता है.
6.5 फीट तक धंस सकती है जमीन
अध्ययन के अनुसार, यदि समुद्र के भीतर 8.0 तीव्रता का भूकंप आता है तो इससे एक हजार फीट तक ऊंची सुनामी लहरें उठ सकती हैं. इन लहरों के रास्ते में आने वाला सबकुछ शहर, इमारतें, सड़कें तबाह हो जाएगा. इससे भी खतरनाक बात यह है कि समुद्र के किनारे बसे शहरों की जमीन 6.5 फीट तक धंस सकती है.
वाशिंगटन सबसे ज्यादा खतरे में
वर्जीनिया टेक की भूविज्ञानी और इस अध्ययन की प्रमुख लेखिका टीना ड्यूरा ने कहा कि सबसे अधिक गंभीर प्रभाव दक्षिणी वाशिंगटन, उत्तरी ओरेगन और उत्तरी कैलिफ़ोर्निया में देखने को मिलेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि यह प्राकृतिक आपदा इतनी तेजी से घटित होगी कि लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिलेगा.
विनाशकारी सुनामी का खतरा
वैज्ञानिकों का मानना है कि 7.5 तीव्रता से अधिक का भूकंप खुद में ही खतरे की घंटी होता है, लेकिन अगर यह 8.0 या 9.0 तक पहुंच गया तो तबाही की कल्पना भी नहीं की जा सकती. अमेरिका के जिन तटीय इलाकों में जनसंख्या घनी है, वहां इसका असर सबसे भयानक होगा.
भविष्य की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा?
इस अध्ययन ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि जलवायु परिवर्तन और पृथ्वी की भूगर्भीय गतिविधियां आने वाले समय में किस हद तक मानव जीवन को प्रभावित कर सकती हैं. विशेषज्ञों ने अमेरिका सरकार को चेतावनी दी है कि उसे इस संभावित खतरे से निपटने के लिए तुरंत ठोस योजना बनानी चाहिए.


