उड़ता हुआ टैंक...अपाचे AH-64E की आखिरी खेफ पहुंची भारत, पाकिस्तान बॉर्डर पर किए जाएंगे तैनात
भारतीय सेना ने जोधपुर के 451 स्क्वाड्रन में अंतिम तीन एएच-64ई अपाचे हेलीकॉप्टर प्राप्त किए, जिससे छह हेलीकॉप्टरों का बेड़ा पूरा हुआ. ये उन्नत बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टर पश्चिमी सीमा पर आक्रमण क्षमता और सुरक्षा बढ़ाएंगे.

नई दिल्ली: भारतीय सेना ने मंगलवार को तीन एएच-64ई अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों का अंतिम बैच प्राप्त किया, जिससे राजस्थान के जोधपुर स्थित 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन में कुल छह हेलीकॉप्टरों का बेड़ा पूरा हो गया. ये हेलीकॉप्टर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतरे और जल्द ही पश्चिमी सीमा पर तैनाती के लिए तैयार किए जाएंगे.
पहले बैच की देरी के बाद अंतिम बैच
अपाचे हेलीकॉप्टरों का पहला बैच जुलाई में भारत पहुंचा था, लेकिन लगभग 15 महीने की देरी के बाद ही अंतिम तीन हेलीकॉप्टर सेना के बेड़े में शामिल हुए. सूत्रों ने बताया कि इन हेलीकॉप्टरों को भारत लाने के बाद असेंबल और परीक्षण किया गया. इनकी तैनाती मुख्य रूप से पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा और आक्रमण क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से की जा रही है.
उड़ता हुआ टैंक
एएच-64ई अपाचे हेलीकॉप्टर को विश्व स्तर पर सबसे उन्नत बहुउद्देशीय हमलावर हेलीकॉप्टरों में से एक माना जाता है. इसे अक्सर 'उड़ता हुआ टैंक' कहा जाता है, क्योंकि यह मारक क्षमता और युद्धक्षेत्र में अत्यधिक टिकाऊपन के लिए जाना जाता है. अमेरिकी एरिजोना के मेसा में निर्मित यह हेलीकॉप्टर अमेरिका सहित कई सहयोगी देशों की सेनाओं में सेवा में है.
हाइटेक हथियार और एडवांस टेक्नोलॉजी
अपाचे हेलीकॉप्टर हेलफायर मिसाइल 70 मिमी रॉकेट और 30 मिमी चेन गन से लैस हैं. ये दुश्मन के बख्तरबंद वाहनों, बंकरों और हवाई सुरक्षा प्रणालियों को नष्ट करने में सक्षम हैं. इसके अलावा इसमें एडवांस सेंसर, रात्रि-लड़ाई की क्षमता और नेटवर्कयुक्त युद्ध प्रणाली है, जो इसे हाई एल्टीट्यूड वाले और पहाड़ी क्षेत्रों में घातक बनाती है.
स्क्वाड्रन की स्थापना
भारतीय सेना ने मार्च 2024 में जोधपुर में अपना पहला अपाचे स्क्वाड्रन गठित किया था. हालांकि, लगभग 15 महीने बाद ही हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी पूरी हुई. अमेरिका से अपाचे एएच-64ई हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी कई बार तय समय सीमा से पीछे रही. 2020 में 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर के समझौते के तहत, सभी छह हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी मई-जून 2024 तक होने की उम्मीद थी, लेकिन आपूर्ति श्रृंखला और तकनीकी समस्याओं के कारण यह दिसंबर 2024 तक स्थगित हो गई.
तकनीकी विशेषताएं
AH-64E में 26 एडवांस सिस्टम शामिल हैं, जिनमें बेहतर डिजिटल कनेक्टिविटी, संयुक्त सामरिक सूचना वितरण प्रणाली, अधिक शक्तिशाली T700-GE-701D इंजन, उन्नत रोटर ब्लेड और वास्तविक समय में ड्रोन नियंत्रित करने की क्षमता शामिल है. विश्व स्तर पर 400 से अधिक AH-64E वितरित किए जा चुके हैं, और अमेरिकी सेना ने इसके जरिए 45 लाख से अधिक उड़ान घंटे पूरे किए हैं.
पहले भारतीय आदेश
इसके अलावा, भारतीय वायु सेना ने 2015 में हस्ताक्षरित एक अलग आदेश के तहत पहले ही 22 अपाचे हेलीकॉप्टर अपने बेड़े में शामिल कर लिए हैं. अब सेना के पास आक्रमण क्षमता बढ़ाने और सीमाओं पर सुरक्षा मजबूत करने के लिए पर्याप्त हेलीकॉप्टर मौजूद हैं.


