दुश्मनों की होगी सिट्टी पिट्टी गुम! भारतीय सेना को मिले अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, जानिए इसकी खासियत
भारतीय सेना को आखिरकार 15 महीने की देरी के बाद अपाचे AH-64E अटैक हेलीकॉप्टर की पहली खेप मिल गई है. मंगलवार सुबह हिंडन एयरबेस पर तीन अत्याधुनिक अपाचे हेलीकॉप्टरों की लैंडिंग हुई, जिसे सेना ने अपने लिए एक 'मील का पत्थर' बताया है.

Apache Helicopters: 15 महीने की लंबी प्रतीक्षा के बाद आखिरकार भारतीय सेना को घातक अपाचे AH-64E अटैक हेलीकॉप्टर की पहली खेप मिल गई है. इन अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर्स की लैंडिंग मंगलवार सुबह हिंडन एयरबेस पर हुई, जिन्हें अमेरिका से विशेष ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के ज़रिए भारत लाया गया.
भारतीय सेना की एविएशन कॉर्प्स के लिए यह एक मील का पत्थर साबित होने वाला क्षण है. सेना ने इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताया है और कहा है कि यह हेलीकॉप्टर्स उनकी ऑपरेशनल क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे.
#Apache for Indian Army
Milestone moment for Indian Army as the first batch of Apache helicopters for Army Aviation arrive today in India.
These state-of-the-art platforms will bolster the operational capabilities of the #IndianArmy significantly.#YearofTechAbsorption… pic.twitter.com/phtlQ4SWc8— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) July 22, 2025
पहली खेप में मिले तीन हेलीकॉप्टर्स
सेना को फिलहाल तीन अपाचे हेलीकॉप्टरों की पहली खेप मिली है, जिन्हें अब असेंबल कर जांचा जाएगा. इसके बाद इन्हें औपचारिक रूप से सेना की एविएशन कॉर्प्स को सौंपा जाएगा. तय प्रक्रिया के अनुसार यह हेलीकॉप्टर्स अपने बेस जोधपुर की ओर रवाना होंगे, जहां से ये ऑपरेशनल गतिविधियों को अंजाम देंगे.
भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए इस डिलीवरी को "मील का पत्थर" बताया. ट्वीट में लिखा गया, "भारतीय सेना के लिए यह मील का पत्थर है, क्योंकि सेना विमानन के लिए अपाचे हेलीकॉप्टरों का पहला बैच आज भारत पहुंच गया है."
मार्च 2024 से इंतजार कर रही थी सेना की एविएशन कॉर्प्स
गौरतलब है कि भारतीय सेना की एविएशन कॉर्प्स की स्थापना मार्च 2024 में जोधपुर में की गई थी और तभी से वह इन अपाचे हेलीकॉप्टर्स का इंतजार कर रही थी. यह हेलीकॉप्टर्स अमेरिकी कंपनी से 2020 में हुए 600 मिलियन डॉलर के रक्षा सौदे के तहत आने थे.
डिलीवरी में कई बार हुआ विलंब
पहले यह डिलीवरी जून 2024 तक होनी थी, लेकिन वैश्विक सप्लाई चेन बाधाओं के चलते समयसीमा दिसंबर 2024 तक बढ़ाई गई. बावजूद इसके, डिलीवरी में फिर देरी हुई और अब 15 महीने बाद पहली खेप भारत पहुंची है. इस सौदे के तहत कुल छह हेलीकॉप्टर आने हैं, जिन्हें दो चरणों में तीन-तीन की संख्या में भेजा जाना है.
सेना के एविएशन कॉर्प्स के पायलट्स की ट्रेनिंग पहले ही 2024 में पूरी हो चुकी है और अब वे अपाचे उड़ाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. यह हेलीकॉप्टर पश्चिमी सीमाओं पर सेना के अभियानों में बड़ा रोल निभाएंगे.
क्या है अपाचे हेलीकॉप्टर की खासियत?
अपाचे AH-64E अटैक हेलीकॉप्टर अत्याधुनिक तकनीक से लैस होते हैं. इनमें एडवांस टारगेटिंग सिस्टम, जबरदस्त फायरपावर और हाई एगिलिटी जैसे फीचर्स शामिल हैं, जो इन्हें किसी भी मिशन के लिए आदर्श बनाते हैं.
वायुसेना के पास पहले से हैं 22 अपाचे
भारतीय वायुसेना पहले ही 2015 में हुए एक अलग सौदे के तहत 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों को अपने बेड़े में शामिल कर चुकी है. अब सेना की एविएशन विंग को इन हेलीकॉप्टरों से मजबूती मिलने जा रही है.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद रणनीति में बदलाव
सेना ने हाल के ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपनी रणनीति में कई अहम बदलाव किए हैं, जिसमें एविएशन कॉर्प्स को अहम भूमिका सौंपी गई है. अपाचे जैसे हेलीकॉप्टर अब इन अभियानों में गेम चेंजर साबित होंगे, खासकर पश्चिमी सीमा पर.


