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सुप्रीम कोर्ट का कांवड़ यात्रा पर नया आदेश, QR कोड नियम रहेगा बरकरार

मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने कांवड़ यात्रा के अंतिम दिन का जिक्र करते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों के निर्देशों की वैधता पर कोई विचार नहीं करेगा. यह बयान कांवड़ यात्रा के समापन के मौके पर आया, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Supreme Court new order on Kanwar Yatra: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित होटलों को क्यूआर कोड प्रदर्शित करने के आदेश पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया. यह आदेश तीर्थयात्रियों को होटलों के मालिकों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए था, ताकि सुरक्षा और ट्रैकिंग में आसानी हो. हालांकि, अदालत ने भोजनालयों को उनके लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र को प्रदर्शित करने का आदेश जारी किया है.

सुप्रीम कोर्ट का आदेश और यात्रा का अंतिम दिन

न्यायमूर्ति एम.एम. सुन्दरेश और न्यायमूर्ति कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मंगलवार को कांवड़ यात्रा के अंतिम दिन का हवाला देते हुए कहा कि वह केवल इस मामले में आदेश पारित कर सकती है कि सभी होटल मालिकों को अपनी कानूनी जिम्मेदारियों का पालन करना होगा. हमें सूचना मिली है कि आज यात्रा का आखिरी दिन है. इस स्तर पर, हम केवल यह आदेश पारित कर सकते हैं कि सभी संबंधित होटल मालिक वैधानिक आवश्यकताओं के अनुसार लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदर्शित करने के आदेश का पालन करेंगे.'

क्यूआर कोड और विवाद

कांवड़ यात्रा के दौरान भक्त शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए गंगा नदी से पवित्र जल लाते हैं और मांसाहार से परहेज करते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए, योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पिछले महीने आदेश जारी किया था कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी होटल को क्यूआर कोड दिखाना होगा, जिससे मालिकों की जानकारी प्राप्त की जा सके. 

सर्वोच्च न्यायालय में मामला

इस आदेश को चुनौती देते हुए शिक्षाविद् अपूर्वानंद झा और अन्य ने इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. उनका तर्क था कि क्यूआर कोड से भेदभावपूर्ण प्रोफाइलिंग बढ़ सकती है, जो समाज में विभाजन को और बढ़ावा देगा. इससे पहले भी, उच्चतम न्यायालय ने एक समान आदेश पर रोक लगाई थी, जिसमें कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित होटलों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया गया था.

पिछले साल जारी इसी तरह के एक आदेश में होटलों को दुकानों के बाहर मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का आदेश था, जिसे अदालत ने रोक दिया था. तब अदालत ने कहा था कि होटलों को केवल यह बताना होगा कि वे किस प्रकार का भोजन परोस रहे हैं, न कि मालिकों की व्यक्तिगत जानकारी.

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22 July 2025, 01:59 PM IST

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