नोएडा के जेवर एयरपोर्ट के पास बनेगा सेमीकंडक्टर प्लांट, आत्मनिर्भर भारत को मिलेगी नई उड़ान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश के जेवर में 3,706 करोड़ रुपये के निवेश से एक सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करने को मंजूरी दी है, जो 2027 में उत्पादन शुरू करेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन' के तहत एक बड़ी योजना को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत, उत्तर प्रदेश के नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) क्षेत्र में एक अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित की जाएगी.
इस परियोजना को भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के मिशन के तहत एक अहम कदम माना जा रहा है. केंद्र सरकार की इस मंजूरी के बाद भारत वैश्विक चिप बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा.
3,706 करोड़ रुपये के निवेश से बनेगा प्लांट
सरकार द्वारा स्वीकृत इस सेमीकंडक्टर प्लांट को 3,706 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से स्थापित किया जाएगा. ये यूनिट नोएडा के पास यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) क्षेत्र में बनेगी. इस प्लांट में बनने वाली चिप्स का इस्तेमाल मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल और अन्य उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्माण में किया जाएगा. इससे भारत की तकनीकी उत्पादन क्षमता को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा.
उत्पादन 2027 से होगा शुरू
ये यूनिट हर महीने 20,000 वेफर्स और 3.6 करोड़ चिप्स का उत्पादन करने की क्षमता रखेगी. 2027 तक इस यूनिट में उत्पादन शुरू होने की संभावना है, जिससे भारत की चिप मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को नई दिशा मिलेगी.
फॉक्सकॉन की दूसरी कोशिश, HCL भी साझेदार
ये फॉक्सकॉन की भारत में चिप निर्माण क्षेत्र में दूसरी कोशिश मानी जा रही है. जबकि HCL की गिनती भारत की उन कंपनियों में होती है जो सालों से हार्डवेयर निर्माण में सक्रिय हैं. फॉक्सकॉन एक वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग दिग्गज है और इस साझेदारी से भारत को तकनीकी विशेषज्ञता का भी लाभ मिलेगा.
देश के अन्य 5 सेमीकंडक्टर यूनिट्स पर भी तेजी से काम
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारत में बन रही अन्य 5 सेमीकंडक्टर यूनिट्स पर भी काम जोरों पर है. ये यूनिट्स गुजरात और असम में स्थापित की जा रही हैं और सभी का उद्घाटन इस साल होने की संभावना है.
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
भारत में मोबाइल, लैपटॉप, सर्वर, मेडिकल डिवाइस, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स की बढ़ती मांग के बीच ये यूनिट आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को और मजबूती देगी. देश अब ना केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होगा, बल्कि भविष्य में सेमीकंडक्टर एक्सपोर्ट हब बनने की दिशा में भी अग्रसर होगा.


