ऑल पार्टी डेलिगेशन में यूसुफ पठान की जगह अभिषेक बनर्जी, टीएमसी ने की घोषणा...सरकार के फैसले से नाराज थीं ममता
तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी को ऑपरेशन सिंदूर के तहत वैश्विक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए नामित किया. यह कदम तब आया जब सांसद यूसुफ पठान ने प्रतिनिधिमंडल से खुद को अलग कर लिया. टीएमसी ने केंद्र सरकार की बिना परामर्श के चयन प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है. अभिषेक बनर्जी ने कहा कि पार्टी राष्ट्रीय सुरक्षा में केंद्र का समर्थन करती है, लेकिन प्रतिनिधित्व तय करना केवल पार्टी का अधिकार है. अब वे भारत की वैश्विक आतंकवाद विरोधी नीति का प्रतिनिधित्व करेंगे.

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को ऑपरेशन सिंदूर के तहत गठित अंतरराष्ट्रीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए नामित किया है. यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब पार्टी के सांसद यूसुफ पठान ने प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने से इनकार कर दिया था.
ऑपरेशन सिंदूर को वैश्विक मंच पर समर्थन
टीएमसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस निर्णय की घोषणा करते हुए लिखा, “हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के वैश्विक अभियान में पार्टी की ओर से प्रतिनिधित्व के लिए अभिषेक बनर्जी को नामित किया है.” बयान में यह भी कहा गया कि अभिषेक बनर्जी की उपस्थिति वैश्विक मंच पर भारत की आवाज को मज़बूती देगी और बंगाल की आतंकवाद के खिलाफ प्रतिबद्धता को दर्शाएगी.
केंद्र की पहल और टीएमसी की नाराज़गी
भारत सरकार ने हाल ही में 51 राजनीतिक प्रतिनिधियों को सात अलग-अलग सर्वदलीय दलों के हिस्से के रूप में विदेश यात्रा पर भेजने का निर्णय लिया है. इन प्रतिनिधियों का उद्देश्य ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करना है. हालांकि, तृणमूल कांग्रेस इस चयन प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं है.
टीएमसी का आरोप है कि केंद्र सरकार ने सदस्यों के चयन से पहले उनसे कोई सलाह-मशविरा नहीं किया. पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने इसे परंपरा के विरुद्ध बताया. उन्होंने कहा, “अगर केंद्र को किसी पार्टी से सदस्य चाहिए, तो यह आवश्यक है कि वह संबंधित पार्टी से आधिकारिक तौर पर अनुरोध करे. यह लोकतांत्रिक परंपरा और व्यवस्था का हिस्सा है.”
प्रतिनिधि चुनना पार्टी का अधिकार है
अभिषेक बनर्जी ने भी केंद्र सरकार की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी रणनीतियों में पूरी तरह सरकार के साथ खड़ी है, लेकिन यह तय करना कि टीएमसी की ओर से प्रतिनिधित्व कौन करेगा, पूरी तरह पार्टी का अधिकार है. उन्होंने बयान दिया, “अगर सरकार एक प्रतिनिधि चाहती है तो हम पाँच देने को तैयार हैं, लेकिन इसका फैसला टीएमसी ही करेगी, केंद्र नहीं. इस तरह की प्रक्रिया में पारदर्शिता और परस्पर सम्मान की आवश्यकता होती है.”
यूसुफ पठान और सुदीप बंदोपाध्याय ने बनाई दूरी
टीएमसी सांसद यूसुफ पठान, जिन्हें संजय कुमार झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाया गया था, ने व्यक्तिगत कारणों से खुद को इस दौरे से अलग कर लिया. यह प्रतिनिधिमंडल इंडोनेशिया, मलेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर की यात्रा करने वाला है. इसी तरह, तृणमूल के वरिष्ठ नेता सुदीप बंदोपाध्याय को भी आमंत्रण मिला था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने से इनकार कर दिया.
टीएमसी की भूमिका और अगला कदम
टीएमसी ने एक बार फिर दोहराया है कि वह राष्ट्रीय हित में हमेशा केंद्र के साथ खड़ी रही है, लेकिन प्रतिनिधियों के चयन में पारदर्शिता और सहमति ज़रूरी है. ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी दोनों का कहना है कि केंद्र सरकार को "अच्छी नीयत" दिखाते हुए राजनीतिक शिष्टाचार का पालन करना चाहिए.


