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अगस्त के बाद सितंबर में भी आसमान से बरसेगी आफत, IMD ने जारी किया अलर्ट; इन राज्यों में आ सकती है बाढ़

मौसम विभाग के अनुसार, सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है जिससे देश के कई हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है. दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल और पंजाब में भारी वर्षा की चेतावनी है. मानसून की वापसी में देरी से बारिश की तीव्रता और बढ़ सकती है. आईएमडी ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

September Rain Alert: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रविवार को जानकारी दी कि इस साल सितंबर माह में देश में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है. अनुमान है कि देशभर में औसतन 167.9 मिमी की तुलना में 109% से ज्यादा वर्षा दर्ज की जा सकती है, जिससे मानसून सीजन अपनी चरम अवस्था में पहुंच जाएगा. इससे पहले ही कई राज्य बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे हैं.

दिल्ली, हरियाणा में भारी बारिश की संभावना

मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने चेतावनी दी है कि भारी बारिश से उत्तराखंड में अचानक बाढ़ और भूस्खलन हो सकता है. दक्षिण हरियाणा, दिल्ली और उत्तरी राजस्थान में दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है. उन्होंने कहा कि कई नदियां उत्तराखंड से निकलती हैं. इसलिए, भारी बारिश का मतलब है कि कई नदियां उफान पर होंगी और इसका असर निचले इलाकों के शहरों और कस्बों पर पड़ेगा. इसलिए, हमें इसे ध्यान में रखना चाहिए. छत्तीसगढ़ में महानदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भी भारी बारिश की संभावना है.

मानसून की वापसी में देरी

राजस्थान से मानसून की वापसी की शुरुआत 1 सितंबर से 17 सितंबर तक खिसक गई है, जो बारिश की गतिविधियों में वृद्धि का संकेत है. महापात्रा ने कहा कि सितंबर एक संक्रमणकालीन महीना होता है जब मौसम मानसून-पश्चात चरण की ओर बढ़ता है. वापसी में देरी के साथ, मानसून और पश्चिमी विक्षोभ के बीच परस्पर क्रिया की संभावना बढ़ जाती है. इस परस्पर क्रिया के कारण 1980 के बाद से सितंबर में बारिश में थोड़ी वृद्धि देखी गई है.

पूरे भारत में सामान्य से अधिक वर्षा

भारत में 1 जून से 31 अगस्त तक 743.1 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो औसत से लगभग 6% अधिक है. उत्तर-पश्चिम भारत में 2001 के बाद से अगस्त में सबसे अधिक 265 मिमी वर्षा दर्ज की गई. दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में अगस्त में 250.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो 2001 के बाद से इस महीने में तीसरी सबसे अधिक वर्षा है. पश्चिमी विक्षोभ और मानसूनी निम्न-दाब प्रणालियों के बीच तीव्र अंतर्क्रिया के कारण इन क्षेत्रों में भारी वर्षा हुई.

इन राज्यों में भारी नुकसान

हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में बार-बार बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है. पंजाब में नदियों के उफान और नहरों के टूटने के कारण दशकों में सबसे भीषण बाढ़ आई. हालाँकि मौसम विभाग ने बड़े बादल फटने की घटनाओं में कोई बढ़ोतरी नहीं देखी है, लेकिन भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान आईएमडी के अनुसार, छोटे बादल फटने की घटनाएं एक घंटे में 5 सेमी या उससे अधिक बारिश बढ़ रही हैं.

आईएमडी ने निवासियों और अधिकारियों को सतर्क रहने की सलाह दी है. अगस्त में हुई भारी बारिश के कारण उत्तर प्रदेश और बिहार में नदियों में भारी बाढ़ आई, पश्चिमी हिमालय में भूस्खलन हुआ और राजस्थान, पंजाब और तेलंगाना में असाधारण वर्षा हुई. अधिकारियों ने नदियों की निगरानी और बाढ़-प्रवण क्षेत्रों की सहायता के लिए संसाधन तैनात किए हैं.

हिमाचल प्रदेश रेड अलर्ट पर

इस बीच, मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें रविवार से मंगलवार तक बहुत भारी से लेकर अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है. ऊना, बिलासपुर, शिमला, सोलन और सिरमौर में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बारिश और भारी बारिश का पूर्वानुमान है.

सोमवार को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है, जबकि मंगलवार को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में भी ऐसी ही स्थिति रहने की संभावना है. मौसम संबंधी रिकॉर्ड के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में अगस्त 2025 में सामान्य से 72% अधिक वर्षा हो चुकी है.

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31 August 2025, 07:58 PM IST

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