'भारत कोई स्कूली बच्चा नहीं बल्कि बड़ा खिलाड़ी...', अमेरिकी पत्रकार ने ट्रंप टैरिफ की आलोचना की
अमेरिकी पत्रकार रिक सांचेज़ ने भारत पर लगाए गए अमेरिकी टैरिफ की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि भारत कोई स्कूली बच्चा नहीं बल्कि बड़ा खिलाड़ी है.

US journalist slams Trump tariffs: अमेरिकी पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रिक सांचेज़ ने भारत पर लगाए गए अमेरिकी टैरिफ की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि भारत कोई स्कूली बच्चा नहीं बल्कि बड़ा खिलाड़ी है. उसे यह बताना कि वह किससे तेल खरीदे, पूरी तरह अनुचित है. उनका कहना था कि ट्रंप प्रशासन की यह नीति न केवल अपमानजनक है बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति की वास्तविकताओं से भी अनभिज्ञ है.
सांचेज़ ने टैरिफ को अज्ञानतापूर्ण नीति बताया
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाया और रूस से तेल आयात पर भी 25% अतिरिक्त शुल्क जोड़ दिया, जिससे कुल कर दर 50% हो गई. सांचेज़ ने इसे अमेरिका की अज्ञानतापूर्ण नीति बताते हुए कहा कि यह कदम भारत जैसे बड़े राष्ट्र के साथ बच्चे जैसा व्यवहार करने के समान है.
उन्होंने कहा कि जब भारत ने अमेरिका से साफ कहा कि उसे यह निर्देश नहीं दिया जा सकता कि वह किससे तेल खरीदे और किससे नहीं, तो यह एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी क्षण था. इतिहासकार इसे उस दौर की शुरुआत के रूप में देखेंगे जब द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से चली आ रही अमेरिकी-यूरोपीय ताक़त का असर कम होना शुरू हुआ और शक्ति संतुलन वैश्विक दक्षिण की ओर शिफ्ट होने लगा, जिसमें भारत, चीन, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका अहम भूमिका निभाएंगे.
#WATCH | On US President Donald Trump imposing a penalty on India for purchasing Russian oil, US Journalist and Political Commentator Rick Sanchez says, "It's a disrespectful and ignorant policy. They're treating India like schoolchildren who need to be told what to do. India's… pic.twitter.com/Ozgsmzyejv
— ANI (@ANI) August 31, 2025
सांचेज़ ने ट्रंप की नीतियों पर क्या कहा?
सांचेज़ ने ट्रंप की नीतियों को व्यक्तिगत भावनाओं से प्रेरित बताया. जेफरीज की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत पर टैरिफ लगाने का एक कारण यह भी हो सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान-भारत विवाद में मध्यस्थता के ट्रंप के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. ट्रंप अक्सर बदले की भावना और गैर-वैज्ञानिक सोच के आधार पर फैसले लेते हैं, इसलिए इसमें हैरानी नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने ट्रंप के सहयोगी और व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारो की उस टिप्पणी को भी हास्यास्पद बताया जिसमें रूस-यूक्रेन संघर्ष को प्रधानमंत्री मोदी का युद्ध कहा गया था. सांचेज़ ने कहा कि अमेरिकी नीति निर्माता अक्सर दक्षिण एशिया और वैश्विक दक्षिण की वास्तविकताओं को समझने में नाकाम रहते हैं.
सांचेज़ ने शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन का किया ज़िक्र
चीन के तियानजिन में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन का ज़िक्र करते हुए सांचेज़ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति शी जिनपिंग और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकातें बेहद महत्वपूर्ण हैं और आने वाले समय में वैश्विक शक्ति संतुलन को नया स्वरूप देंगी. उनके मुताबिक, अमेरिका को यह समझना होगा कि भारत जैसे देशों के साथ साझेदारी बराबरी के आधार पर होनी चाहिए, न कि आदेशात्मक अंदाज़ में.


