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जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद विपक्ष देगा फेयरवेल डिनर, क्या स्वीकार करेंगे न्योता?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है, विपक्ष ने उनके लिए खुद फेयरवेल डिनर आयोजित करने की तैयारी शुरू कर दी है. इस्तीफे की वजह को लेकर स्वास्थ्य कारणों के अलावा राजनीतिक दबाव और महाभियोग प्रस्ताव को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं.

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद सियासी हलकों में हलचल तेज हो गई है. उन्होंने सोमवार रात अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद ना तो वे संसद में दिखाई दिए और ना ही अब तक उन्हें कोई औपचारिक फेयरवेल दिया गया है. विपक्षी दलों ने इस पर आपत्ति जताते हुए सरकार से मांग की कि जगदीप धनखड़ को सम्मानपूर्वक विदाई दी जाए, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.

इसी बीच खबर आई है कि विपक्षी दल अब अपने स्तर पर ही जगदीप धनखड़ के लिए फेयरवेल डिनर आयोजित करने की तैयारी में जुट गए हैं. हालांकि, अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि धनखड़ विपक्ष के इस आमंत्रण को स्वीकार करेंगे या नहीं. इस्तीफे का कारण उन्होंने स्वास्थ्य बताया था, लेकिन सूत्रों और विपक्ष के अनुसार इसके पीछे कुछ और राजनीतिक कारण भी हो सकते हैं.

अचानक इस्तीफा और संसदीय मौन

सोमवार रात को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद जगदीप धनखड़ ना तो मंगलवार को राज्यसभा में नजर आए और ना ही किसी सार्वजनिक मंच पर कोई बयान दिया. सामान्य परंपरा के तहत इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति को सदन में विदाई दी जाती है, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ. विपक्ष ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कम से कम एक फेयरवेल तो बनता है.

विपक्ष करेगा फेयरवेल डिनर की मेजबानी

सरकार की चुप्पी को देखते हुए अब विपक्ष ने खुद ही धनखड़ को फेयरवेल डिनर के लिए आमंत्रित किया है. सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी दलों की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में इस विषय पर सहमति बनी कि जगदीप धनखड़ को डिनर में बोलने का भी अवसर दिया जाए. अब खबर है कि विपक्षी खेमे ने डिनर आयोजन की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं.

क्या इस्तीफे की वजह जस्टिस वर्मा महाभियोग प्रस्ताव?

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर एक और चर्चा जोरों पर है. कहा जा रहा है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था. इससे सरकार नाराज हो गई और अंततः धनखड़ को पद छोड़ना पड़ा. हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

विपक्ष का दावा और सरकार की खामोशी

विपक्ष का कहना है कि धनखड़ का इस्तीफा केवल स्वास्थ्य कारणों से नहीं हुआ, इसके पीछे कोई बड़ा राजनीतिक दबाव हो सकता है. लेकिन सरकार इस पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी साधे हुए है. ना तो प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कोई बयान आया है और ना ही संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से.

क्या धनखड़ स्वीकार करेंगे विपक्ष का न्योता?

अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या जगदीप धनखड़ विपक्ष के फेयरवेल डिनर के आमंत्रण को स्वीकार करेंगे या नहीं. सूत्रों के अनुसार, उन्होंने अभी तक कोई सहमति नहीं दी है और संभव है कि वे इस आयोजन से भी दूरी बनाए रखें.

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25 July 2025, 08:20 PM IST

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