score Card

इतने साल बाद भारत में हिंदुओं से ज्यादा हो जाएगी मुसलमानों की जनसंख्या! आंकड़े चौंकाने वाले

भारत के 2024 के आम चुनावों के बीच, पीएम-ईएसी ने दावा किया है कि देश की कुल आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी घट रही है. पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आजादी के समय कुल आबादी में हिंदू करीब 84 फीसदी थे, जो अब घटकर करीब 76 फीसदी रह गए हैं.

JBT Desk
Edited By: JBT Desk

भारत में लोकसभा चुनाव 2024 के बीच, एक रिपोर्ट आया जिसमें देश की कुल आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी घट रही है. पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आजादी के समय कुल आबादी में हिंदू करीब 84 फीसदी थे, जो अब घटकर करीब 76 फीसदी रह गए हैं. इसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश की कुल आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने जनसंख्या पर एक रिपोर्ट जारी की है. काउंसिल की रिपोर्ट ऐसे वक्त आई है जब देश में आम चुनाव चल रहे हैं और ध्रुवीकरण का मुद्दा गरमा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, 1950 की तुलना में 2015 में हिंदू आबादी में 7.82 फीसदी की गिरावट आई, जबकि इस दौरान मुस्लिम आबादी में भारी बढ़ोतरी हुई. 

अल्पसंख्यक समुदाय सिख, ईसाई और बौद्ध की जनसंख्या में भी वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 1950 में भारत में हिंदू आबादी 84.68 प्रतिशत थी, जो 2015 में घटकर 78.06 प्रतिशत हो गई है. इस अवधि में मुस्लिम आबादी में वृद्धि देखी गई. 1950 में भारत में 9.84 प्रतिशत मुस्लिम थे, जो 2015 में बढ़कर 14.09 प्रतिशत हो गए हैं. आज़ादी के तीन साल बाद, ईसाई समुदाय देश की आबादी का 2.24 प्रतिशत था, जो 2015 में बढ़कर 2.36 प्रतिशत हो गया. 1950 में जहां देश में सिखों की संख्या 1.24 फीसदी थी, वहीं 2015 तक यह बढ़कर 1.85 फीसदी हो गई है. आर्थिक सलाहकारों की परिषद का कहना है कि भारत की तरह म्यांमार ने भी अपनी बहुसंख्यक आबादी में गिरावट का अनुभव किया है. म्यांमार में बहुसंख्यक आबादी में 10 फीसदी की गिरावट आई है. इस बीच एक सवाल सबके दिमाग में आ रहा है कि क्या आने वाले सालों में मुस्लमानों की संख्या भारत में हिंदूओं से ज्यादा हो जाएगी. तो आइए आपको बताते है. 

पीएम इकोनॉमिक काउंसिल की रिपोर्ट के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बड़ा बयान दिया है. सिंह के मुताबिक कांग्रेस भारत को इस्लामिक राज्य बनाने की कोशिश कर रही है. सिंह ने अपने बयान में कहा है कि आने वाले समय में सनातनियों को खत्म करने की साजिश रची जा रही है. सिंह के बयान के बाद सवाल यह है कि क्या भारत में हिंदू और मुसलमानों की आबादी कभी बराबर हो सकती है और अगर हां, तो कब? प्यू रिसर्च फाउंडेशन ने 2050 तक की भविष्यवाणी की है. इसके मुताबिक, अगर जनसंख्या वृद्धि की रफ्तार यही रही तो 2050 में भारत में मुसलमानों की आबादी करीब 31 करोड़ तक पहुंच जाएगी. तब हिंदुओं की आबादी करीब 130 करोड़ तक पहुंच जाएगी. अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर आर.बी. भगत के अनुसार जनसंख्या जिस गति से बढ़ रही है उस पर नजर डालें तो सी. 2101 में हिंदुओं की आबादी 1 अरब 27 करोड़ और मुसलमानों की आबादी 32 करोड़ के करीब पहुंच जाएगी. अधिकांश विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में मुसलमान हिंदू आबादी से आगे नहीं निकल पाएंगे.

calender
11 May 2024, 04:50 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag