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तहव्वुर राणा के बाद अब इन आतंकवादियों पर होगी नजर? NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट पर एक नज़र

तहव्वुर राणा के भारत आने से न केवल एक प्रमुख साजिशकर्ता को पूछताछ के दायरे में लाया गया है, बल्कि कई अन्य हाई-प्रोफाइल आतंकवादियों पर भी नजर रखी जा रही है, जो गिरफ्तारी से बच रहे हैं. आइए ऐसे दस आतंकवादियों पर नजर डालते हैं जो NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में भी हैं. 

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण और उसके बाद हिरासत के साथ, भारत ने न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है. राणा को लेकर प्रत्यर्पण विमान गुरुवार को दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरा, और उसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा एक विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उसे 18 दिन की हिरासत में भेज दिया. 

राणा के भारत आने से न केवल एक प्रमुख साजिशकर्ता को पूछताछ के दायरे में लाया गया है, बल्कि कई अन्य हाई-प्रोफाइल आतंकवादियों पर भी नजर रखी जा रही है, जो गिरफ़्तारी से बच रहे हैं. आइए ऐसे दस आतंकवादियों पर नज़र डालते हैं जो NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में भी हैं. 

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एनआईए ने राणा से पूछताछ शुरू की

विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के एनआईए मुख्यालय पहुंचने के बाद सुबह 11 बजे पूछताछ शुरू हुई. पूछताछ शुरू होने से पहले अगले कदमों की रूपरेखा तैयार करने के लिए एनआईए महानिदेशक के साथ एक रणनीतिक बैठक हुई. 12 सदस्यों की एक टीम जांच का नेतृत्व कर रही है. 

गृह मंत्रालय को हर दिन सौंपी जाएगी रिपोर्ट

गृह मंत्रालय को हर दिन की रिपोर्ट सौंपी जाएगी. पूछताछ की निगरानी एनआईए की डीआईजी जया रॉय करेंगी, जो मामले की अगुआई कर रही हैं. 26/11 के आतंकी हमले के पीछे की साजिश और हमलों के योजनाकार के रूप में उसकी भूमिका का पता लगाने के लिए एनआईए टीम राणा से पूछताछ कर रही है.

वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन ने तहव्वुर राणा के खिलाफ एक मजबूत मामला बनाने में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से केस लड़ेंगे.रिपोर्ट के अनुसार, कृष्णन को एक टीम का सहयोग मिलेगा जिसमें अनुभवी आपराधिक वकील और विशेष अभियोजक नरेन्द्र मान शामिल हैं, जो पहले दिल्ली हाईकोर्ट में सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

राणा के प्रत्यर्पण में कृष्णन की भूमिका

रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि कृष्णन ने राणा के खिलाफ प्रत्यर्पण मामले में अहम भूमिका निभाई थी. उनकी टीम ने अमेरिकी न्यायपालिका के समक्ष ठोस सबूत पेश किए, जिसके कारण राणा की सभी अपीलें खारिज हो गईं. कृष्णन 2019-20 में प्रत्यर्पण प्रक्रिया की शुरुआत से ही एनआईए के साथ निकटता से जुड़े रहे हैं. उन्होंने और उनकी टीम ने भारत का मामला पेश करने के लिए एनआईए के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा भी की.

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11 April 2025, 04:01 PM IST

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