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अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था रवाना, उपराज्यपाल सिन्हा बोले—इस बार यात्रा होगी सबसे खास

इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक 3.31 लाख से अधिक श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. साथ ही ऑन-स्पॉट रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी शुरू हो चुकी है. पिछले दो दिनों में लगभग 4,000 टोकन जारी किए गए हैं, जिससे भक्तों में यात्रा को लेकर भारी उत्साह नजर आ रहा है.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़े सुरक्षा खतरों के बीच आज अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था जम्मू से रवाना हो गया. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भगवती नगर यात्री निवास से श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. बम-बम भोले के जयकारों के बीच श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन को निकल पड़े.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार ने इस बार यात्रा को लेकर अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए हैं. अर्धसैनिक बलों की करीब 600 अतिरिक्त कंपनियां जम्मू-कश्मीर में तैनात की गई हैं. यह अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए अब तक की सबसे बड़ी फोर्स तैनाती मानी जा रही है. सुरक्षा बलों के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस, खुफिया एजेंसियां और स्थानीय प्रशासन लगातार समन्वय में काम कर रहे हैं.

श्रद्धालुओं में उत्साह, ‘बाबा ने बुलाया है’ की भावना हावी

यात्रा में शामिल श्रद्धालु डरे नहीं हैं. उनका कहना है कि वे बिना किसी खौफ के बाबा बर्फानी के दरबार में जा रहे हैं. एक श्रद्धालु ने कहा, “हम बाबा से प्रार्थना करते हैं कि देश में शांति बनी रहे. हम हर बाधा पार करेंगे.” उपराज्यपाल सिन्हा ने भी कहा कि इस बार लोगों में भारी उत्साह है और आतंक के डर को दरकिनार करते हुए बड़ी संख्या में लोग यात्रा में शामिल हो रहे हैं.

3.31 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने कराया पंजीकरण

इस वर्ष अमरनाथ यात्रा के लिए 3.31 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है. इसके अतिरिक्त मौके पर भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जहां पहले दो दिनों में लगभग 4,000 टोकन वितरित किए गए हैं. यह दर्शाता है कि भक्तों में इस बार यात्रा को लेकर गहरी आस्था और उत्साह है.

दो मार्गों से होगी यात्रा, 38 दिनों तक चलेगा सफर

कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर की 38 दिन की यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी. यात्रा दो मार्गों से होगी—अनंतनाग जिले का पारंपरिक नुनवान-पहलगाम रूट (48 किमी) और गांदरबल जिले का छोटा लेकिन कठिन बालटाल मार्ग (14 किमी).

सुरक्षा और व्यवस्थाओं पर उच्चस्तरीय समीक्षा

यात्रा से पहले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उच्चस्तरीय बैठक कर सुरक्षा और व्यवस्थाओं की समीक्षा की. यात्री निवास, मार्गों की निगरानी, स्वास्थ्य सेवाएं, ट्रैफिक कंट्रोल और आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी पहलुओं को प्राथमिकता दी गई है.

संदेश साफ है—आस्था आतंक से बड़ी है

पहलगाम हमले के बावजूद श्रद्धालुओं की हिम्मत और प्रशासन की तैयारी एक मजबूत संदेश देती है कि आस्था को आतंक नहीं रोक सकता. देश एकजुट होकर अमरनाथ यात्रा को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए तैयार है.

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02 July 2025, 07:48 AM IST

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