पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच पीएम मोदी से मिले वायुसेना चीफ दिनेश त्रिपाठी, जानें क्या हुई चर्चा
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद देश में सुरक्षा चिंताएं गहराई हैं. इसी पृष्ठभूमि में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महत्वपूर्ण मुलाकात की, जो लगभग 40 मिनट तक चली. हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत ने देश को झकझोर दिया है और भारत-पाकिस्तान के संबंधों में फिर से तनाव बढ़ गया है. सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने का संकेत दिया है.

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. यह बैठक ऐसे समय पर हुई जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है. इस जघन्य हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे. यह मुलाकात लगभग 40 मिनट तक चली, जिसे मौजूदा सुरक्षा हालात के संदर्भ में बेहद अहम माना जा रहा है.
नौसेना प्रमुख ने दी समुद्री सुरक्षा पर जानकारी
इससे एक दिन पहले, शनिवार को नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री से भेंट की थी. उन्होंने पीएम मोदी को अरब सागर के प्रमुख समुद्री मार्गों की सुरक्षा स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी. यह बैठक समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को लेकर भारत की रणनीति के लिहाज से अहम मानी जा रही है.
उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक के बाद आया घटनाक्रम
एयर चीफ मार्शल और प्रधानमंत्री के बीच यह बैठक उस उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल थे. इस बैठक में देश की सुरक्षा स्थिति और आगे की रणनीति पर चर्चा की गई थी.
सीसीएस की आपात बैठक बुलाई गई
पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद सरकार ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक बुलाई. इस मीटिंग में कई अहम बातों पर चर्चा की गई. खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में सीमा पार के आतंकी गुटों की भूमिका थी.
आतंक के खिलाफ सख्त रुख
सरकार ने स्पष्ट किया कि इस बर्बर हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. आतंकियों और उनके साजिशकर्ताओं को कड़ी सजा देने का ऐलान किया गया है. साथ ही, भारतीय सशस्त्र बलों को समय, स्थान और कार्रवाई की विधि तय करने की पूरी स्वतंत्रता दी गई है.
विपक्ष ने दिखाई एकजुटता
एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन भी किया गया, जिसमें विपक्षी नेताओं ने सरकार को पूर्ण समर्थन देने की बात कही. सभी दलों ने इस हमले के खिलाफ एकजुट होकर जवाब देने की प्रतिबद्धता जताई.
सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार
सरकार ने अपनी रणनीतिक प्रतिक्रिया के तहत सिंधु जल संधि को निलंबित करने का भी निर्णय लिया है. यह कदम पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है, ताकि वह सीमा पार आतंकवाद के प्रति अपना रुख बदले.


