पाकिस्तान से तनाव के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का हुआ पुनर्गठन, बढ़ाई गई अजित डोभाल की ताकत
जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हिंदू नरसंहार के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन किया गया है, जिसमें पूर्व RAW प्रमुख आलोक जोशी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.

जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए हिंदू नरसंहार के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं. इस स्थिति में भारत सरकार ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की रणनीति को और मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) का पुनर्गठन किया है. नए पुनर्गठन में पूर्व RAW प्रमुख आलोक जोशी को इस बोर्ड का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. ये कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. सरकार का स्पष्ट संदेश है कि जो भी इस हमले में शामिल हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा.
आलोक जोशी का अध्यक्ष पद संभालना
पूर्व RAW प्रमुख आलोक जोशी को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का नया अध्यक्ष बनाया गया है. आलोक जोशी की खुफिया क्षेत्र में विशेषज्ञता के कारण उनकी नियुक्ति को एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. आलोक जोशी ने 2012 से 2014 तक RAW के प्रमुख के रूप में कार्य किया और उनकी रणनीतिक सोच और सुरक्षा मामलों में अनुभव को लेकर काफी सराहना की जाती है. उनके नेतृत्व में ये बोर्ड सरकार को सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर सलाह देगा और विशेष रूप से आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और सीमा सुरक्षा जैसे संवेदनशील मामलों पर अपनी राय प्रस्तुत करेगा.
बोर्ड का पुनर्गठन और नए सदस्य
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन ऐसे समय में किया गया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ चुका है. इस बोर्ड में अब 7 सदस्य होंगे, जिनमें से 3 सदस्य सैन्य पृष्ठभूमि के रिटायर अफसर होंगे, दो रिटायर आईपीएस अधिकारी होंगे और एक रिटायर भारतीय विदेश सेवा अधिकारी होंगे. इस बोर्ड में वेस्टर्न एयर कमान के पूर्व चीफ एयर मार्शल पीएम सिन्हा, साउदर्न आर्मी कमान के पूर्व चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह और रिटायर रियर एडमिरल मॉन्टी सन्ना को सदस्य बनाया गया है. इसके अलावा, भारतीय पुलिस सेवा से रिटायर राजीव रंजन वर्मा, मनमोहन सिंह और विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी बी. वेंकाटेश वर्मा भी इस बोर्ड के सदस्य होंगे.
बोर्ड की भूमिका और महत्व
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का ये पुनर्गठन देश की सुरक्षा नीतियों को एक नई दिशा देने की कोशिश है. ये बोर्ड अब सरकार को सलाह देने के अलावा सुरक्षा मामलों में अहम फैसलों की सिफारिश करेगा. खासकर, जब भारत ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है कि वो इस हमले के गुनहगारों और साजिशकर्ताओं को किसी भी हालत में नहीं छोड़ेगा, ऐसे में बोर्ड की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है. इस बोर्ड का कार्य आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, सीमा सुरक्षा और अन्य सुरक्षा संबंधी मसलों पर सरकार को परामर्श देना होगा.


