क्या अमृतपाल सिंह 10 मार्च को जेल से बाहर आएंगे? केंद्र ने हाईकोर्ट को दी जानकारी, लोकसभा में पेश की जाएंगी सिफारिशें
केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि इस मुद्दे पर गठित 15 सदस्यीय समिति ने अपना विचार-विमर्श पूरा कर लिया है. समिति की सिफारिशें 10 मार्च को लोकसभा में पेश की जाएंगी, जिसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा. उधर कोर्ट में सुनवाई के दौरान सत्यपाल जैन ने अदालत को बताया कि संसदीय समितियों की कार्यवाही गुप्त होती है और जब तक उसे संसद में पेश नहीं किया जाता, उसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता.

पंजाब न्यूज. हरियाणा हाईकोर्ट ने खडूर साहिब से सांसद और 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के संसद में अनुपस्थित रहने के मामले की सुनवाई की. केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि इस मुद्दे पर गठित 15 सदस्यीय समिति ने अपना विचार-विमर्श पूरा कर लिया है. समिति की सिफारिशें 10 मार्च को लोकसभा में पेश की जाएंगी, जिसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा. मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति सुमित गोयल की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्य पाल जैन और अधिवक्ता धीरेज जैन ने अदालत को खास जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि समिति ने सोमवार को अपनी बैठक में अमृतपाल सिंह सहित पांच सांसदों के अवकाश आवेदनों पर विचार किया. सुनवाई के दौरान सत्यपाल जैन ने अदालत को बताया कि संसदीय समितियों की कार्यवाही गुप्त होती है और जब तक उसे संसद में पेश नहीं किया जाता, उसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता.
अमृतपाल सिंह का मामला क्या है?
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद अमृतपाल सिंह ने संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. उनका तर्क है कि उनकी लम्बी अनुपस्थिति उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है तथा उनके निर्वाचन क्षेत्र के 1.9 मिलियन मतदाताओं को प्रतिनिधित्व से वंचित करती है. उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई सांसद 60 दिनों से अधिक समय तक अनुपस्थित रहता है तो उसकी सीट रिक्त घोषित की जा सकती है. इसके अलावा उन्होंने सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडीएस) के तहत अपने संसदीय क्षेत्र में विकास परियोजनाओं के संबंध में अधिकारियों और मंत्रियों से मिलने की भी अनुमति मांगी है.


