बेंगलुरु भगदड़; कर्नाटक सरकार ने IPS अधिकारी के निलंबन रद्द पर CAT के फैसले को हाईकोर्ट में दी चुनौती
बेंगलुरु में एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर 4 जून 2025 को हुई भगदड़ ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस घटना में 11 लोगों की जान चली गई थी. जिसके बाद कर्नाटक सरकार ने कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था. अब इस मामले में नया मोड़ आ खड़ा हुआ है.

Bengaluru Stampede: कर्नाटक सरकार ने बुधवार को उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ मामले में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास कुमार के निलंबन को रद्द करने के केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के फैसले को चुनौती दी है. केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने 1 जुलाई 2025 को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास कुमार के निलंबन को रद्द कर दिया था। कैट ने अपने आदेश में कहा "पुलिस भगवान या कोई जादूगर नहीं है।" न्यायाधिकरण ने यह भी टिप्पणी की कि भगदड़ की मुख्य जिम्मेदारी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की थी. जिसने बिना पुलिस की पूर्व अनुमति के सोशल मीडिया पर विजय परेड की घोषणा कर दी थी। इस अचानक घोषणा के कारण 3 से 5 लाख लोग स्टेडियम के बाहर जमा हो गए थे. जिसके लिए पुलिस को पर्याप्त समय नहीं मिला।
साथ ही कैट ने यह भी निर्देश दिया कि विकास कुमार को तत्काल बहाल किया जाए और निलंबन की अवधि को पूर्ण वेतन और ड्यूटी का हिस्सा माना जाए। इस फैसले ने न केवल विकास कुमार को राहत दी, बल्कि अन्य निलंबित अधिकारियों, जैसे तत्कालीन पुलिस आयुक्त बी. दयानंद और डीसीपी शेखर एच. टेक्कन्नावर के लिए भी बहाली का रास्ता खोल दिया है.
IPS विवाद पर सरकार का पलटवार
कर्नाटक सरकार ने कैट के इस फैसले को स्वीकार नहीं किया और इसे कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया। सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे महाधिवक्ता के. शशिकरण शेट्टी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि कैट का आदेश तथ्यों पर आधारित नहीं है। सरकार का तर्क है कि भगदड़ के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह ठहराना जरूरी है. और निलंबन का फैसला डयूटी के समय में लापरवाही के आधार पर लिया गया था।
जिसके बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस मामले में कहा, "सरकार के पास चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ के संबंध में आईपीएस अधिकारियों के निलंबन आदेश को रद्द करने के कैट के आदेश के खिलाफ अपील करने का अवसर है और इस संबंध में उचित निर्णय लिया जाएगा।" यह बयान दर्शाता है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है।
कोर्ट ने पहले ही लगाई थी फटकार
कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले में पहले भी सक्रियता दिखाई है। भगदड़ के बाद कोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए सरकार से कई सवाल पूछे थे. जिनमें आयोजन की अनुमति, भीड़ प्रबंधन, और घायलों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने में देरी जैसे मुद्दे शामिल थे। कोर्ट ने कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) आरसीबी, और आयोजक कर्ता को जिम्मेदार ठहराया था.


