बिहार चुनाव 2025: क्या तेजस्वी यादव होंगे महागठबंधन का सीएम चेहरा? कांग्रेस ने साधी चुप्पी
Mahagathbandhan news: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद के चेहरे और सीट बंटवारे को लेकर असमंजस गहराता जा रहा है. तेजस्वी यादव खुद को सीएम उम्मीदवार घोषित करने के पक्ष में हैं, जबकि कांग्रेस और अन्य सहयोगी सतर्क रुख अपनाए हुए हैं. सीटों की दावेदारी और नए दलों के शामिल होने से गठबंधन की जटिलताएं बढ़ रही हैं.

Mahagathbandhan news: बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही महागठबंधन (भारत ब्लॉक) के मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर सस्पेंस गहराता जा रहा है. राजद नेता तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि गठबंधन चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करके ही उतरेगा, लेकिन कांग्रेस ने इस पर अभी तक कोई स्पष्ट समर्थन नहीं दिया है. कांग्रेस का कहना है कि इस फैसले पर सभी सहयोगी दल मिलकर सामूहिक रूप से निर्णय लेंगे.
कांग्रेस का सतर्क रुख
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने सोमवार को कहा कि यह विषय केवल एक दल का नहीं है, बल्कि पूरे गठबंधन का है. उन्होंने कहा कि उचित समय पर सभी सहयोगी मिलकर बैठेंगे और निर्णय लेंगे. इस बयान से साफ है कि कांग्रेस अभी तेजस्वी को महागठबंधन का एकमात्र सीएम चेहरा मानने से बच रही है.
चेहरे के साथ ही लड़ेंगे चुनाव
तेजस्वी यादव ने शनिवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या हम भाजपा हैं कि हमारे पास मुख्यमंत्री पद के लिए नेता नहीं है? उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन बिना मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को घोषित किए चुनाव नहीं लड़ेगा. उनका यह रुख कांग्रेस और अन्य सहयोगियों पर दबाव डालता है, क्योंकि वे अभी भी इस मुद्दे पर असमंजस की स्थिति में हैं.
सीट बंटवारे पर खींचतान
गठबंधन की सबसे बड़ी चुनौती सीटों का बंटवारा है. अभी तक कोई अंतिम समझौता नहीं हो पाया है. खबरों के मुताबिक, राजद 243 सीटों में से कम से कम 150 सीटों पर चुनाव लड़ने का इरादा रखता है. अगर ऐसा होता है तो बाकी सहयोगियों के लिए केवल 93 सीटें बचेंगी.
वामदलों ने 2020 के अपने प्रदर्शन का हवाला देते हुए कम से कम 40 सीटों की मांग की है. इसके अलावा, कांग्रेस भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती है, जबकि मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP), झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और पशुपति कुमार पारस की आरएलजेपी भी गठबंधन में दावेदारी पेश कर रहे हैं.
2020 चुनाव का अनुभव
2020 बिहार चुनाव में राजद ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा और 75 सीटों पर जीत हासिल की. सीपीआई (माले) लिबरेशन ने 19 सीटों में से 12 पर जीत दर्ज की. वहीं, सीपीआई ने छह सीटों में से दो जीतीं और सीपीएम ने चार में से दो सीटें जीतीं. गठबंधन की सबसे कमजोर कड़ी कांग्रेस साबित हुई थी, जिसने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन केवल 19 सीटें जीत पाई. इस बार भी सीट बंटवारे पर उसकी स्थिति कमजोर दिखाई दे रही है.
गठबंधन की जटिलताएं
महागठबंधन में नए दलों के प्रवेश ने समीकरण और कठिन कर दिए हैं. JMM और RLJP के शामिल होने के बाद सीटों की मांग और बढ़ गई है. इससे सहयोगी दलों के बीच मतभेद उभरने की संभावना है.


