अनमोल बिश्नोई को कस्टडी में नहीं ले सकेगी पुलिस, गृह मंत्रालय ने जारी किया बड़ा आदेश
गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई पर गृह मंत्रालय ने एक सख्त कदम उठाया है. BNSS की धारा 303 के तहत अब एक साल तक कोई राज्य पुलिस या जांच एजेंसी बिश्नोई को तिहाड़ जेल से बाहर नहीं ले सकेगी.

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने कुख्यात गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई पर सख्त कदम उठाया है. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 303 के तहत जारी आदेश में कहा गया है कि अगले एक साल तक कोई राज्य पुलिस या जांच एजेंसी उसे तिहाड़ जेल से बाहर नहीं ले सकेगी. यहां तक कि पूछताछ भी सिर्फ जेल के अंदर ही हो सकेगी. यह फैसला सुरक्षा की वजह से लिया गया है.
BNSS धारा 303 का मतलब
यह धारा केंद्र सरकार को अधिकार देती है कि वह किसी कैदी को जेल से बाहर निकालने पर रोक लगा सके. इसका उद्देश्य कानून-व्यवस्था बनाए रखना और कैदी की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
अगर कैदी को बाहर ले जाया जाए तो सार्वजनिक व्यवस्था बिगड़ने या खतरे का अंदेशा हो सकता है. अनमोल पर यह आदेश उनके बड़े भाई लॉरेंस बिश्नोई की तरह लागू किया गया है, जो गुजरात की साबरमती जेल में बंद हैं.
अमेरिका से गिरफ्तारी और डिपोर्टेशन
दरअसल अनमोल बिश्नोई 2022 से फरार थे. अमेरिका में फर्जी दस्तावेजों के मामले में गिरफ्तार होने के बाद नवंबर 2025 में उन्हें भारत डिपोर्ट किया गया. दिल्ली पहुंचते ही एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया. कोर्ट ने पहले 11 दिन, फिर 7 दिन की रिमांड दी. अब जांच पूरी होने पर उन्हें तिहाड़ जेल की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, जहां वो पूरी तरह से कैद हैं.
भीर आरोप और गैंग का नेटवर्क
अनमोल पर बाबा सिद्दीकी हत्या, सिद्धू मूसेवाला मर्डर, सलमान खान के घर फायरिंग की साजिश जैसे संगीन इल्जाम हैं. बता दें, विदेश से ही वे गैंग चलाते थे और हथियार और धन का इंतजाम करते थे. कई राज्यों में उनके खिलाफ केस दर्ज हैं.
यह आदेश उनके ट्रांसफर के दौरान होने वाले जोखिम को रोकने के लिए है. यह कदम हाई-प्रोफाइल गैंगस्टर्स पर केंद्रित नियंत्रण दिखाता है. हालांकि अब जांच एजेंसियां जेल में ही उनसे पूछताछ करेंगी.


