बोइंग 787 में तकनीकी गड़बड़ी, FIP ने की DGCA से सभी विमानों की जांच की मांग
भारतीय पायलट महासंघ (FIP) ने एयर इंडिया बोइंग 787 में तकनीकी खामी सामने आने के बाद DGCA से सभी विमानों की विद्युत प्रणालियों की गहन जांच की मांग की है. जून की एयर इंडिया दुर्घटना से जुड़े संदर्भ में यह कदम सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अहम माना जा रहा है.

भारतीय पायलट महासंघ (FIP) ने भारत में संचालित सभी बोइंग 787 विमानों की विद्युत प्रणालियों की व्यापक जांच की मांग की है. महासंघ ने यह अनुरोध नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को भेजे एक पत्र में किया, जिसमें 4 अक्टूबर को एयर इंडिया की अमृतसर-बर्मिंघम उड़ान के दौरान हुई गंभीर तकनीकी गड़बड़ी का हवाला दिया गया.
अमृतसर-बर्मिंघम उड़ान की घटना
एयर इंडिया के बोइंग 787 विमान में यह समस्या लैंडिंग से ठीक पहले सामने आई. विमान ज़मीन से लगभग 500 फीट ऊपर था, जब चालक दल ने रैम एयर टर्बाइन (RAT) के अप्रत्याशित सक्रिय होने की सूचना दी. आरएटी आमतौर पर आपातकालीन हालात, जैसे दोनों इंजन के फेल हो जाने या बिजली और हाइड्रोलिक शक्ति पूरी तरह खत्म होने पर सक्रिय होता है. उस दिन, विमान ने आपातकालीन बिजली प्रणाली के सक्रिय होने के बावजूद सुरक्षित लैंडिंग कर ली.
विमान स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली (AHM) की रिपोर्ट के अनुसार, इस गड़बड़ी का कारण बस पावर कंट्रोल यूनिट (BPCU) की खराबी थी. बीपीसीयू विमान की विद्युत शक्ति के वितरण और नियंत्रण के लिए जिम्मेदार अहम घटक है. एफआईपी का मानना है कि इसी खराबी के चलते आरएटी ने अप्रत्याशित रूप से काम करना शुरू किया.
जून की दुर्घटना से जुड़े सवाल
यह मामला उस जून 2025 की घटना के बाद और भी गंभीर हो गया है, जब एयर इंडिया की अहमदाबाद-ब्रिटेन उड़ान (AI-171) ने उड़ान भरने के तुरंत बाद नियंत्रण खो दिया था. उस हादसे में 260 यात्रियों की मौत हो गई थी. प्रारंभिक जांच से संकेत मिले थे कि विमान के ईंधन नियंत्रण स्विच गलती से निष्क्रिय हो गए थे और इस गड़बड़ी का संबंध भी विद्युत प्रणाली से हो सकता है.
एफआईपी की मांग
एफआईपी अध्यक्ष जी.एस. रंधावा ने DGCA को लिखे पत्र में कहा कि बीपीसीयू और इससे जुड़ी प्रणालियों का संपूर्ण तकनीकी मूल्यांकन जरूरी है. उनका कहना है कि अब तक DGCA ने जांच को केवल ईंधन नियंत्रण स्विच तक सीमित रखा है, जबकि व्यापक निरीक्षण की सख्त जरूरत है.
महासंघ ने दोहराया कि बोइंग 787 विमानों की सभी विद्युत प्रणालियों की गहन जांच न केवल भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि यात्रियों और पायलटों का भरोसा भी बहाल करेगी. उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) से भी अपील की कि वे इस मामले में सक्रिय हस्तक्षेप करें.
इस मांग ने एक बार फिर एयर इंडिया के बेड़े में बोइंग 787 विमानों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है. अब निगाहें DGCA के अगले कदम पर टिकी हैं.


