क्या आपको पता है कि वह प्रधानमंत्री बनेंगे? राहुल गांधी की याचिका पर हाईकोर्ट की टिप्पणी
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के सावरकर पर दिए गए बयानों को लेकर दाखिल एक याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया. कोर्ट ने याचिकाकर्ता की मांग को खारिज कर दिया. इस याचिका में कोर्ट से अनुरोध किया गया था कि वह राहुल गांधी को वीर सावरकर से जुड़ी याचिका पढ़ने के लिए बाध्य करे. लेकिन कोर्ट ने न केवल इस मांग को खारिज किया बल्कि याचिकाकर्ता से यह भी सवाल पूछ डाला कि "क्या आपको पता है कि वह प्रधानमंत्री बनेंगे?

कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के विरुद्ध बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया. यह याचिका 'अभिनव भारत कांग्रेस' संगठन के अध्यक्ष पंकज कुमुदचंद्र फड़नीस ने दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि राहुल गांधी को कोर्ट द्वारा आदेश देकर वीर सावरकर से जुड़ी उनकी याचिका पढ़ने के लिए मजबूर किया जाए.
हालांकि, अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह किसी सांसद को कोई याचिका पढ़ने के लिए बाध्य नहीं कर सकती. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से यहां तक पूछ लिया, "क्या आपको पता है कि वह प्रधानमंत्री बनेंगे?" कोर्ट की यह टिप्पणी याचिकाकर्ता के उस बयान के जवाब में आई, जिसमें उन्होंने कहा था कि "अगर वह प्रधानमंत्री बन गए तो तबाही मचा देंगे."
क्या था मामला?
यह पूरा विवाद राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर पर दिए गए एक बयान से शुरू हुआ. याचिकाकर्ता फड़नीस ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि राहुल गांधी अपने बयान से जनता के बीच भ्रम फैला रहे हैं और उन्हें इसके लिए सावरकर से जुड़ी याचिका पढ़ने को बाध्य किया जाना चाहिए.
हालांकि, बॉम्बे हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच, जिसमें जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस संदीप मारने शामिल थे, ने यह याचिका खारिज करते हुए कहा कि कोर्ट किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से कोई याचिका पढ़ने के लिए मजबूर नहीं कर सकता.
याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट ने दी ये सलाह
कोर्ट ने फड़नीस को यह भी बताया कि अगर उन्हें राहुल गांधी के बयान से आपत्ति है, तो वे भारतीय दंड संहिता के तहत मानहानि का मुकदमा दायर कर सकते हैं. कोर्ट ने यह भी जानकारी दी कि वीर सावरकर के पोते पहले ही इस मामले में पुणे की अदालत में शिकायत दर्ज करा चुके हैं और उस पर कार्यवाही चल रही है.
सुप्रीम कोर्ट भी पहले कर चुका है खारिज
इससे पहले अप्रैल 2025 में भी सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के सावरकर पर कथित बयान को लेकर याचिकाकर्ता की याचिका खारिज की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि “स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी को किसी भी रूप में मंजूरी नहीं दी जा सकती.”
कोर्ट की टिप्पणी बनी चर्चा का विषय
कोर्ट द्वारा दिया गया जवाब – "हमें नहीं पता, क्या आपको पता है कि वह प्रधानमंत्री बनेंगे?" अब सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. इस टिप्पणी के पीछे कोर्ट का स्पष्ट संकेत था कि वह अटकलों और राजनीतिक पूर्वाग्रहों के आधार पर किसी भी हस्तक्षेप को उचित नहीं ठहरा सकता.


