सिनेमाई अभिव्यक्ति लोकतंत्र का अभिन्न हिस्सा...बैटल ऑफ गलवान पर चीन की आपत्ति पर केंद्र का जवाब
सलमान खान की फिल्म ‘बैटल ऑफ गलवान’ के टीजर पर चीन ने आपत्ति जताई है. भारत सरकार ने चीन के आरोपों का जवाब देते हुए रचनात्मक स्वतंत्रता का समर्थन किया, लेकिन चीन ने इसके प्रचार को कूटनीतिक रूप से संवेदनशील और भड़काऊ बताया.

नई दिल्लीः बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की आगामी फिल्म ‘बैटल ऑफ गलवान’ को लेकर उठे अंतरराष्ट्रीय विवाद के बीच केंद्र सरकार ने अपना पक्ष स्पष्ट किया है. सरकार ने कहा है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां कलात्मक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. इसी के तहत फिल्म निर्माताओं को अपनी रचनात्मक सोच के अनुसार फिल्में बनाने का अधिकार है. सरकार ने यह भी साफ किया कि इस फिल्म के निर्माण या उसके कंटेंट में उसकी कोई भूमिका नहीं है.
गलवान झड़प पर आधारित है फिल्म
‘बैटल ऑफ गलवान’ 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के बीच हुई हिंसक झड़प पर आधारित है. यह घटना भारत-चीन संबंधों के इतिहास में सबसे संवेदनशील और गंभीर सैन्य टकरावों में से एक मानी जाती है.
फिल्म में सलमान खान भारतीय सेना की 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बिक्कुमल्ला संतोष बाबू की भूमिका निभा रहे हैं. कर्नल संतोष बाबू इस झड़प में भारतीय सैनिकों का नेतृत्व करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे. उनकी बहादुरी को देश आज भी गर्व से याद करता है.
हताहतों के आंकड़ों पर भारत-चीन का विरोधाभास
केंद्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है कि गलवान संघर्ष में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे. वहीं, चीन ने शुरुआत में किसी भी तरह के नुकसान से इनकार किया था. बाद में बीजिंग ने दावा किया कि उसके केवल चार सैनिक मारे गए, जिसे भारत समेत कई विशेषज्ञों ने वास्तविकता से बहुत कम आंकड़ा बताया. इस विरोधाभास ने उस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई सवाल खड़े किए थे और दोनों देशों के बीच तनाव लंबे समय तक बना रहा.
चीन के मीडिया की आपत्ति
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस फिल्म को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है. अखबार में प्रकाशित एक लेख में दावा किया गया है कि फिल्म में जून 2020 की घटनाओं को तथ्यों के विपरीत और भावनात्मक रूप से बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है. ग्लोबल टाइम्स ने यह भी आरोप लगाया कि बॉलीवुड फिल्में अक्सर मनोरंजन और भावनाओं पर आधारित होती हैं और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करती हैं. लेख में यह विवादित दावा भी किया गया कि गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के चीनी पक्ष में स्थित है और झड़प के लिए भारत जिम्मेदार था.
भारत का स्पष्ट संदेश
केंद्र सरकार ने भारत में सिनेमाई अभिव्यक्ति लोकतंत्र का अभिन्न हिस्सा है. यदि किसी देश या पक्ष को फिल्म की विषयवस्तु को लेकर आपत्ति है, तो वे आधिकारिक चैनलों के जरिए भारत के रक्षा मंत्रालय से संपर्क कर सकते हैं. सरकार ने यह भी दोहराया कि ऐतिहासिक और संवेदनशील घटनाओं पर बनी फिल्मों को कूटनीतिक विवाद से जोड़ना उचित नहीं है. भारत हमेशा अपने सैनिकों के बलिदान और देश की संप्रभुता के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा.


