जयशंकर की चीन यात्रा पर जवाब मांगेगी कांग्रेस, मानसून सत्र में उठेगा मुद्दा
कांग्रेस ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर की हालिया चीन यात्रा को लेकर केंद्र सरकार से संसद में खुली चर्चा की मांग की है. पार्टी का कहना है कि सरकार को मानसून सत्र में चीन से जुड़ी सीमा विवाद, सुरक्षा चुनौतियों और व्यापार प्रतिबंधों पर देश को स्पष्ट जवाब देना चाहिए.

कांग्रेस पार्टी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर की हालिया चीन यात्रा और भारत-चीन सीमा विवाद पर सरकार से संसद में खुलकर चर्चा कराने की मांग की है. पार्टी ने कहा कि सरकार को 21 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में चीन से जुड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक चुनौतियों पर स्पष्ट जवाब देना चाहिए. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार चीन के साथ रिश्तों को सामान्य दिखाने की कोशिश कर रही है, जबकि वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सवाल उठाया कि जब 1962 के भारत-चीन युद्ध के समय संसद में चर्चा हो सकती थी, तो अब क्यों नहीं की जा रही है? उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के 14 जुलाई के बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सीमा विवादों को सुलझाने के लिए भारत और चीन को व्यापारिक बाधाओं से बचते हुए द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने की दिशा में काम करना चाहिए.
चीन यात्रा पर संसद में चर्चा कराए सरकार
रमेश ने चीन-पाकिस्तान गठजोड़ पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि "ऑपरेशन सिंदूर" के दौरान चीन ने पाकिस्तान को तकनीकी और सैन्य समर्थन दिया, जिसमें आधुनिक हथियारों और मिसाइलों का परीक्षण भी शामिल था. उन्होंने भारतीय सेना के उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह के बयान का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि भारत ने उस ऑपरेशन में चीन समेत तीन मोर्चों पर लड़ाई लड़ी.
मानसून सत्र में उठेगा मुद्दा
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार चीन से जुड़े मुद्दों पर चुप्पी साधे हुए है. उन्होंने कहा, “जब हमारी सेना कह रही है कि चीन पाकिस्तान की मदद कर रहा है, तब सरकार क्यों चुप है? क्या मोदी सरकार चीन के बिना नहीं रह सकती?”
चीन से रिश्तों में सुधार या भ्रम?
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि वह पिछले पांच वर्षों से चीन के मुद्दे पर संसद में बहस की मांग कर रही है. इस बार मानसून सत्र में वह सरकार से इस पर विस्तार से जवाब चाहती है. पार्टी का कहना है कि देश की जनता को यह जानने का हक है कि सीमाओं पर क्या हो रहा है और चीन के साथ भारत के संबंधों की असली स्थिति क्या है.


