'ईमानदारी को कुचलने की साजिश...' सौरभ भारद्वाज के घर ED रेड से भड़के केजरीवाल-सिसोदिया
ED ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सौरभ भारद्वाज के घर सहित 13 ठिकानों पर जोरदार छापेमारी की. उन पर स्वास्थ्य परियोजनाओं में कथित घोटाले का आरोप है. इस कार्रवाई ने सियासी हलचल मचा दी है. AAP के दिग्गज नेताओं - अरविंद केजरीवाल, आतिशी, भगवंत मान और मनीष सिसोदिया ने इसे साजिश करार दिया. उनका कहना है कि ये छापे पार्टी को निशाना बनाने और उनकी आवाज को दबाने की चाल है. ताकि जनता का ध्यान असल मुद्दों से हटाया जा सके.

ED raid Saurabh Bhardwaj: केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार सुबह आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के घर समेत उनसे जुड़े 13 स्थानों पर रेड की. एजेंसी पर आरोप है कि सौरभ से संबंधित कुछ स्वास्थ्य परियोजनाओं में अनियमितताएं और घोटाला हुआ है; ED ने जुलाई में मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. इस कार्रवाई के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं ने न सिर्फ इस रेड का विरोध किया बल्कि इसे सरकार द्वारा विपक्षी आवाज को दबाने और ध्यान भटकाने वाला कदम भी बताया. पार्टी प्रमुखों ने इसे एजेंसियों का दुरुपयोग कर राजनीतिक निशाना बनाने की कोशिश करार दिया.
सौरभ भारद्वाज के घर ED की रेड मोदी सरकार द्वारा एजेंसीज के दुरुपयोग का एक और मामला है।
मोदी सरकार आम आदमी पार्टी के पीछे पड़ गई है। जिस तरह “आप” को टारगेट किया जा रहा है, ऐसे इतिहास में किसी पार्टी को नहीं किया गया।
“आप” को इसलिए टारगेट किया जा रहा है क्योंकि मोदी सरकार की…— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 26, 2025
केजरीवाल का रुख
साथ ही अपने एक एक्स पोस्ट में लिखा कि ईडी की छापेमारी मोदी सरकार द्वारा जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का एक और उदाहरण है. जिसमें AAP को निशाना बनाया जा रहा है. केजरीवाल ने आगे आरोप लगाया. जिस तरह आप को टारगेट किया जा रहा है. ऐसे इतिहास में किसी पार्टी को नहीं किया गया. 'आप' को निशाना बनाने का एक ही कारण है वो भी यही कि यह मोदी सरकार की गलत नीतियों और भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे सशक्त आवाज उठाने वाली पार्टी है. मोदी सरकार हमारी आवाज दबाना चाहती है. ये कभी नहीं होगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि AAP बीजेपी की इन रेडों से डरने वाली नहीं. हम हमेशा की तरह देश हित में गलत नीतियों और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे.
आज सौरभ जी के यहाँ रेड क्यों हुई?
— Atishi (@AtishiAAP) August 26, 2025
क्योंकि पूरे देश में मोदी जी की डिग्री पर सवाल उठ रहे हैं — क्या मोदी जी की डिग्री फर्जी है? इस चर्चा से ध्यान हटाने के लिए ही रेड डाली गई है।
जिस समय का केस बताया जा रहा है, उस समय सौरभ जी मंत्री भी नहीं थे। यानी पूरा केस ही झूठा है।…
आतिशी का आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने भी रेड पर तीखी प्रतिक्रिया दी और पूछा कि यह कार्रवाई क्यों की गई. उनका कहना था कि देश में प्रधानमंत्री की डिग्री को लेकर चर्चा हो रही है और इस चर्चा से ध्यान हटाने के लिए ही रेड डाली गई है. उन्होंने यह भी कहा कि जिस समय का केस बतलाया जा रहा है. उस समय सौरभ भारद्वाज मंत्री नहीं थे. इसलिए पूरा केस झूठा लग रहा है. आतिशी ने सत्येंद्र जैन के मामले का हवाला देते हुए कहा कि कई बार एजेंसियों को क्लोजर रिपोर्ट देनी पड़ी और यह बताता है कि आम आदमी पार्टी पर लगाये गए कई आरोप झूठ और राजनीति से प्रेरित हैं.
भगवंत मान का बयान
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी ED की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि यह रेड ध्यान भटकाने के लिए की गई है. उन्होंने कहा कि देश में प्रधानमंत्री की डिग्री को लेकर जो चर्चा चल रही है. वही कारण है कि कल से इस मुद्दे पर बहस है और रेड उस से ध्यान हटाने के लिए की गई है.
ਅੱਜ ਸੌਰਭ ਭਾਰਦਵਾਜ 'ਤੇ ਰੇਡ ਕੀਤੀ ਗਈ, ਕਿਉਂਕਿ ਕੱਲ੍ਹ ਤੋਂ ਪੂਰੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਮੋਦੀ ਜੀ ਦੀ ਡਿਗਰੀ ਨੂੰ ਲੈ ਚਰਚਾ ਹੈ ਕਿ ਮੋਦੀ ਜੀ ਦੀ ਡਿਗਰੀ ਫ਼ਰਜ਼ੀ ਹੈ। ਇਹ ਰੇਡ ਸਿਰਫ਼ ਇਸ ਮਾਮਲੇ ਤੋਂ ਧਿਆਨ ਭਟਕਾਉਣ ਲਈ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ।
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) August 26, 2025
ਸਤੇਂਦਰ ਜੈਨ ਜੀ ਨੂੰ ਵੀ ਝੂਠੇ ਕੇਸ 'ਚ ਤਿੰਨ ਸਾਲ ਜੇਲ੍ਹ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਗਿਆ, ਤੇ ਬਾਅਦ 'ਚ CBI ਤੇ ED ਨੇ ਅਦਾਲਤ…
मनीष सिसोदिया-AAP की ईमानदारी को दबाने की कोशिश
पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस छापे को राजनीति से प्रेरित करार दिया. उन्होंने सत्येंद्र जैन का उदाहरण देते हुए कहा कि तीन साल जेल में रखने के बावजूद CBI/ED को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करनी पड़ी. सिसोदिया ने कहा कि ये सारे केस फर्जी हैं. मेन लड़ाई सच्चाई की नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी की ईमानदारी को कुचलने की है.
आगे की प्रक्रिया
ED ने इस मामले में पहले ही मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर रखी है और आज की रेड उसी परीक्षण का अगला चरण बताई जा रही है. AAP नेताओं ने सत्तारुढ़ भाजपा पर एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा है कि इस तरह की कार्रवाइयां पार्टी की सक्रिय आलोचना और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज को दबाने का प्रयास हैं.


