PM मोदी से मिले दाऊदी बोहरा प्रतिनिधि, वक्फ संशोधन कानून पर जताया आभार
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कुछ प्रमुख प्रावधान जैसे केंद्रीय वक्फ परिषद और वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति और वक्फ संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने से जुड़ी धाराएं लागू नहीं की जाएंगी.

पीएम मोदी से गुरुवार को दाऊदी बोहरा समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. उन्होंने हाल ही में पारित वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के लिए आभार जताया और इसे समुदाय की एक "लंबे समय से लंबित मांग" करार दिया. प्रतिनिधियों ने पीएम मोदी के "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास" के दृष्टिकोण पर भरोसा जताया और कहा कि सरकार के इस रुख से अल्पसंख्यक समुदायों को समानता और सम्मान का अनुभव हो रहा है.
दाऊदी बोहरा कौन हैं?
दाऊदी बोहरा मुस्लिमों का एक विशेष समुदाय है, जो मुख्य रूप से पश्चिमी भारत में पाया जाता है. हालांकि इनके अनुयायी दुनियाभर के 40 से ज्यादा देशों में फैले हुए हैं. यह समुदाय इस्लाम के फ़ातिमी इमामों की परंपरा से जुड़ा है, जिन्हें पैगंबर मोहम्मद का प्रत्यक्ष वंशज माना जाता है. दाऊदी बोहरा समुदाय का नेतृत्व अल-दाई अल-मुतलक नामक धार्मिक प्रमुख करते हैं, जो पहले यमन से और पिछले करीब 450 वर्षों से भारत से संचालन कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
इसी बीच, सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट को भरोसा दिलाया गया कि अगली सुनवाई तक वक्फ बोर्ड या काउंसिल में कोई नियुक्ति नहीं होगी. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल वक्फ संपत्तियों की पहचान पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. केंद्र सरकार ने अधिनियम को "सुविचारित कानून" बताया और कहा कि इस पर पूरी तरह रोक लगाना जल्दबाज़ी होगी.
ममता बनर्जी की अपील
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल से अपील की कि वे मुर्शिदाबाद का अपना दौरा टाल दें. वहां हाल ही में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई. मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को मुआवज़ा देने की घोषणा की है.


