दिल्ली बम धमाका मामले में जांच तेज, नौवें आरोपी की गिरफ्तारी से साजिश की परतें खुलने की उम्मीद
दिल्ली के लाल किला इलाके में हुए भीषण बम धमाके की जांच में नया मोड़ आया है। अदालत ने नौवें आरोपी यासिर अहमद डार को एनआईए की हिरासत में भेज दिया है।

इस मामले में गिरफ्तार किया गया नौवां आरोपी यासिर अहमद डार जम्मू कश्मीर के शोपियां का रहने वाला है। जांच एजेंसी के अनुसार वह मुख्य आत्मघाती हमलावर का करीबी सहयोगी था। एनआईए ने उसे नई दिल्ली से पकड़ा। अधिकारियों का कहना है कि वह लंबे समय से अन्य आरोपियों के संपर्क में था। उसकी भूमिका केवल सहायक तक सीमित नहीं थी। जांच में उसकी सक्रिय भागीदारी के संकेत मिले हैं। इसी आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया।
कोर्ट ने हिरासत का फैसला क्यों दिया?
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने एनआईए की दलीलें सुनने के बाद डार को 26 दिसंबर तक हिरासत में भेज दिया। कोर्ट ने माना कि पूछताछ के लिए हिरासत जरूरी है। सुरक्षा कारणों से सुनवाई बंद कमरे में हुई। अदालत को बताया गया कि साजिश की कड़ियां अभी पूरी तरह नहीं जुड़ी हैं। आरोपी से और जानकारी निकलने की संभावना है। इसी वजह से रिमांड मंजूर की गई। कोर्ट ने जांच की संवेदनशीलता को भी ध्यान में रखा।
एनआईए ने अब तक क्या खुलासा किया?
एनआईए का कहना है कि डार ने धमाके की साजिश में सक्रिय भूमिका निभाई। एजेंसी के मुताबिक उसने आत्मघाती अभियानों को अंजाम देने की शपथ ली थी। जांच में सामने आया है कि वह अन्य आरोपियों के साथ लगातार संपर्क में था। इन आरोपियों में आत्मघाती हमलावर और साजिशकर्ता शामिल हैं। एजेंसी ने बताया कि उसने कई बैठकों में हिस्सा लिया। इन बैठकों में हमले की योजना बनाई गई। अब उससे इन तथ्यों की पुष्टि कराई जा रही है।
धमाका कब और कैसे हुआ था?
यह धमाका 10 नवंबर की शाम करीब सात बजे हुआ था। घटना दिल्ली के लाल किला क्षेत्र के पास हुई। विस्फोट एक चलती हुई आई-20 कार में हुआ था। कार को कथित आत्मघाती हमलावर चला रहा था। धमाका इतना भीषण था कि इलाके में दहशत फैल गई। इस हमले में 15 लोगों की मौत हो गई। दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे।
पहले गिरफ्तार आरोपियों पर क्या कार्रवाई हुई?
इससे पहले एनआईए ने इस मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया था। 15 दिसंबर को कोर्ट ने दो आरोपियों की हिरासत बढ़ाई थी। इनमें एक डॉक्टर भी शामिल है। कोर्ट ने उनके सिग्नेचर सैंपल लेने की अनुमति दी थी। जांच एजेंसी ने मजिस्ट्रेट के सामने नमूने लिए। यह कदम साजिश से जुड़े दस्तावेजों की जांच के लिए उठाया गया। एजेंसी लगातार तकनीकी सबूत जुटा रही है।
जांच कितनी आगे बढ़ चुकी है?
एनआईए अब तक 73 गवाहों के बयान दर्ज कर चुकी है। इनमें धमाके में घायल लोग भी शामिल हैं। एजेंसी का कहना है कि सबूतों की कड़ी मजबूत हो रही है। डिजिटल और फॉरेंसिक साक्ष्य भी एकत्र किए गए हैं। हर आरोपी की भूमिका अलग अलग बताई जा रही है। जांच एजेंसी किसी भी कड़ी को छोड़ना नहीं चाहती। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं।
इस गिरफ्तारी का क्या महत्व है?
यासिर अहमद डार की गिरफ्तारी को जांच में अहम माना जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार इससे साजिश की पूरी तस्वीर साफ हो सकती है। एनआईए को उम्मीद है कि उससे नेटवर्क की जानकारी मिलेगी। यह गिरफ्तारी दिखाती है कि जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है। अदालत की निगरानी में पूछताछ से नए खुलासे हो सकते हैं। सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं। देश की सुरक्षा के लिहाज से यह मामला बेहद गंभीर है।


