धुंध की चादर में लिपटी दिल्ली, कई इलाकों में AQI का स्तर खराब...जानें ठंड बढ़ने से क्यों बढ़ता है प्रदूषण
उत्तर भारत में सर्दी तेजी से बढ़ रही है और दिल्ली-एनसीआर ठंड के साथ गंभीर प्रदूषण का सामना कर रहा है. कई क्षेत्रों में AQI 324 तक पहुंच गया है. पराली, ठंडी हवा और कम बारिश से प्रदूषण बढ़ा है. वहीं दक्षिण भारत में निम्न दबाव के कारण तमिलनाडु के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी है.

नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में सर्दी ने दस्तक दे दी है. सुबह और शाम के समय लोगों को स्वेटर, जैकेट और कंबल की जरूरत महसूस होने लगी है. मौसम विभाग के अनुसार, 7 से 9 नवंबर के बीच तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है.
उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और दिल्ली में ठंडी हवाओं के कारण सिहरन बढ़ गई है, जबकि कई इलाकों में सुबह कोहरे की हल्की परत भी दिखाई दे रही है. पहाड़ी राज्यों में हो रही ताजा बर्फबारी ने मैदानों की ठंड को और बढ़ा दिया है. मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है और आने वाले दिनों में ठंड का असर और भी तीखा होगा.
बढ़ती सर्दी के बीच जहरीली हवा
दिल्ली-एनसीआर इन दिनों दोहरी मार झेल रहा है, एक तरफ बढ़ती सर्दी, और दूसरी तरफ खतरनाक स्तर का प्रदूषण. गुरुवार को बादल छाए रहे और हल्की धूप भी देखने को मिली, लेकिन हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हुआ.
मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक आकाश में बादल छाए रहने और तेज हवाएं चलने का अनुमान जताया है, हालांकि इससे प्रदूषण में कितनी राहत मिलेगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है. शहर के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद खराब स्तर पर रहा. आनंद विहार और विवेक विहार में सुबह 6 बजे AQI 324 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है.
दिल्ली की हवा इतनी खराब क्यों?
प्रदूषण स्तर बढ़ने के पीछे कई कारण हैं, जिनमें पराली जलना प्रमुख है. गुरुवार को हवा में पराली से होने वाले प्रदूषण का प्रतिशत 21.25% था, जबकि शुक्रवार को इसके 38.89% तक पहुंचने की आशंका जताई गई. सुबह से ही धुंध की मोटी परत छाई रही, जिससे दृश्यता कम हो गई. प्रदूषण के कारण कई लोगों की आँखों में जलन और गले में खराश की शिकायतें बढ़ी हैं.
सर्दियों में प्रदूषण ज्यादा खतरनाक क्यों हो जाता है?
- सर्दियों में हवा का तापमान कम होने से PM2.5 कण जमीन के करीब जमा हो जाते हैं.
- मॉनसून के बाद बनने वाला प्रतिचक्रवाती परिसंचरण प्रदूषकों को फंसा लेता है.
- ठंडी और घनी हवा की गति कम होने से हवा प्रदूषकों को ऊपर नहीं उठा पाती.
- गर्म हवा नीचे मौजूद ठंडी प्रदूषण-भरी परत को पार किए बिना ऊपर बह जाती है.
- सर्दियों में बारिश कम होती है, जिससे हवा की प्राकृतिक सफाई नहीं हो पाती.
इन सभी कारणों से सर्दियों में हवा का जहरीलापन कई गुना बढ़ जाता है. सांस लेना भी कठिन हो जाता है.
दक्षिण भारत में बारिश का कहर
जहां उत्तर भारत ठंड और प्रदूषण से जूझ रहा है, वहीं दक्षिण भारत में भारी बारिश का दौर जारी है. बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र के कारण मौसम पूरी तरह बदल गया है. मौसम विभाग ने 7 नवंबर को तमिलनाडु के सात जिलों पेरम्बलुर, मयिलादुथुराई, तिरुवरुर, तंजावुर, अरियालुर, नागपट्टिनम और तिरुचिरापल्ली में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. इन जिलों में शुक्रवार को तेज बारिश होने की संभावना है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है.


