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दिल्ली में स्कूल बंद, WFH लागू, AQI 400 के पार, नोएडा-गुरुग्राम में भी बिगड़ा हाल, जानें ताजा अपडेट

दिल्ली की हवा अब सांस लेने लायक नहीं रही. AQI 400 को पार कर रेड ज़ोन में गोता लगा चुका है, मानो शहर पर धुएं का आपातकाल थोप दिया गया हो. नोएडा और गुरुग्राम भी इस जहरीली आंधी से दूर नहीं है वहां भी हवा का हाल दिल दहला देने वाला है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है. ग्रैप-3 (GRAP-3) लागू किए जाने के बावजूद हवा में जहर घुलना थम नहीं रहा है. बुधवार सुबह दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़कर 413 तक पहुंच गया, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है. वहीं, एनसीआर के अन्य इलाकों में भी हालात खराब हैं  नोएडा में AQI 414, ग्रेटर नोएडा में 398 और गुरुग्राम में 365 दर्ज किया गया.

प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार ने स्कूलों को बंद करने, निर्माण कार्यों पर रोक लगाने और वर्क फ्रॉम होम की सलाह जैसे कदम उठाए हैं. बावजूद इसके हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं दिख रहा.

 दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण स्तर

दिल्ली में पिछले चार दिनों से प्रदूषण का स्तर लगातार “गंभीर” श्रेणी में बना हुआ है.

12 नवंबर – AQI 413

11 नवंबर – AQI 428

10 नवंबर – AQI 362

9 नवंबर – AQI 370
(सुबह 6 बजे तक के आंकड़े)

 दिल्ली के इलाकों का हाल

राजधानी के अधिकांश इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर दर्ज की गई:-

  • अलीपुर – 430

  • शादीपुर – 391

  • द्वारका – 210

  • आईटीओ – 434

  • सीरीफोर्ट – 437

  • मंदिर मार्ग – 417

  • आरके पुरम – 441

  • पंजाबी बाग – 443

  • आया नगर – 401

  • लोधी रोड – 401

इनमें से अधिकांश स्थानों का AQI “गंभीर” श्रेणी में है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक माना जाता है.

 GRAP-3 के तहत लागू पाबंदियां

दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-3) लागू कर दिया गया है. इसके तहत निम्न पाबंदियां लागू की गई हैं:-

  • गैर-जरूरी निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्यों पर प्रतिबंध.

  • पुराने डीजल वाहनों पर रोक.

  • अंतरराज्यीय डीजल बसों के संचालन पर रोक लगाने का प्रावधान.

  • सीमेंट, बालू जैसे धूल फैलाने वाले पदार्थों की ढुलाई पर प्रतिबंध.

  • क्लास 5 तक के स्कूल बंद कर ऑनलाइन मोड में पढ़ाई का आदेश.

  • स्टोन क्रशर और खनन कार्यों पर पूर्ण रोक.

  • आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटरों का इस्तेमाल वर्जित.

  • निजी कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम या हाइब्रिड मोड में काम करने की सलाह.

 विशेषज्ञों की चेतावनी

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द बारिश नहीं हुई या हवा की दिशा नहीं बदली, तो दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता और भी खराब हो सकती है. प्रदूषण का यह स्तर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है.

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12 November 2025, 09:57 AM IST

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