लाल किला के पास हुए भीषण धमाके में सेना-स्तरीय विस्फोटक के इस्तेमाल का शक, फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा है हमला
यह हमला कोई साधारण डॉक्टर ने नहीं, बल्कि मोहम्मद उमर ने अंजाम दिया था. वो शख्स जो फरीदाबाद के खतरनाक आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा था. और हैरानी की बात ये कि इस मॉड्यूल का भंडाफोड़ ठीक उसी सोमवार को विस्फोट से महज कुछ घंटे पहले हुआ था. छापेमारी में पुलिस ने जो बरामद किया, वो रोंगटे खड़े कर देने वाला था. लगभग 2,900 किलोग्राम बम बनाने का खतरनाक सामान, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट भी शामिल था.

नई दिल्ली: दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला परिसर के पास सोमवार को हुए भीषण विस्फोट ने पूरे देश को दहला दिया. इस धमाके में 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई घायल बताए जा रहे हैं. जांच एजेंसियों ने घटना की जांच शुरू कर दी है और शुरुआती निष्कर्षों से पता चला है कि धमाका अत्यधिक शक्तिशाली मिलिट्री-ग्रेड विस्फोटक से किया गया हो सकता है.
सूत्रों के अनुसार, विस्फोट की तीव्रता और घटनास्थल पर बने इम्पैक्ट पैटर्न से स्पष्ट है कि इसमें सैन्य स्तर के बम बनाने वाले रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल किया गया. इस हमले को अंजाम देने वाला शख्स फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा था, जिसे धमाके से कुछ घंटे पहले ही पुलिस ने पकड़ा था.
सैन्य-स्तरीय विस्फोटक के इस्तेमाल की आशंका
जांच में शामिल एजेंसियों ने बताया कि धमाके की ताकत इतनी अधिक थी कि आसपास की कई गाड़ियां और दीवारें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं. विशेषज्ञों का मानना है कि इस धमाके में 'मिलिट्री-ग्रेड एक्सप्लोसिव' का उपयोग हुआ है, जो सामान्य विस्फोटकों से कहीं अधिक विनाशकारी होता है. सूत्रों के मुताबिक, फॉरेंसिक टीमें घटनास्थल से बरामद नमूनों की जांच कर रही हैं ताकि यह पुष्टि की जा सके कि धमाके में कौन-सा रासायनिक मिश्रण इस्तेमाल किया गया.
फरीदाबाद मॉड्यूल से कैसे जुड़ा आत्मघाती हमला
सूत्रों के अनुसार इस हमले को मोहम्मद उमर नामक एक डॉक्टर ने अंजाम दिया, जो अब आत्मघाती हमलावर के रूप में पहचाना जा रहा है. बताया जा रहा है कि उमर फरीदाबाद के आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा था, जिसे पुलिस ने धमाके से कुछ ही घंटे पहले छापा मारकर ध्वस्त किया था.
छापे के दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने करीब 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की थी, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट समेत अन्य बम बनाने वाले रसायन शामिल थे. यह बरामदगी इस बात का संकेत है कि गिरोह बड़े पैमाने पर हमलों की साजिश रच रहा था.
जांच एजेंसियों की गहन पड़ताल जारी
जांच एजेंसियां अब इस बात की तहकीकात कर रही हैं कि मोहम्मद उमर और उसके सहयोगियों के पीछे कौन-सा नेटवर्क सक्रिय था और क्या इस हमले का कोई अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन भी है. NIA, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीमें मिलकर मामले की गहराई से जांच कर रही हैं.


