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क्या Air India को पहले से पता थी विमान की खामियां? DGCA ने भेजा था वॉर्निंग लेटर

अहमदाबाद एयर इंडिया हादसे ने सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं. पूर्व अधिकारी डॉ. सनत कौल ने दोनों इंजनों के एक साथ फेल होने पर चिंता जताई. उन्होंने DGCA की चेतावनियों को नजरअंदाज करने की आशंका जताई और उच्च स्तरीय व अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

अहमदाबाद में हाल ही में हुए एयर इंडिया के विमान हादसे ने देशभर में चिंता की लहर फैला दी है. इस हादसे में कई यात्रियों की जान चली गई, जो कि बेहद दर्दनाक है. इस घटना के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव डॉ. सनत कौल ने इस दुर्घटना पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

दोनों इंजन एक साथ कैसे हुए फेल?

डॉ. कौल ने कहा कि यह दुर्घटना न केवल दुखद है, बल्कि तकनीकी रूप से भी चिंताजनक है. उनका मुख्य सवाल यह था कि एक विमान के दोनों इंजन एक साथ कैसे फेल हो सकते हैं. उन्होंने इसे बेहद असामान्य परिस्थिति बताया और कहा कि इस प्रकार की विफलता से विमान की उड़ान सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं. उन्होंने इसे तकनीकी खामी मानते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की.

हादसे का शिकार हुआ विमान केवल 10 साल पुराना

इस हादसे में शामिल विमान एक बोइंग मॉडल था, जो महज 10 साल पहले सेवा में आया था. डॉ. कौल ने बताया कि बोइंग एक सदी पुरानी और विश्वसनीय विमान निर्माता कंपनी है, लेकिन हाल के वर्षों में उसके विमानों की गुणवत्ता को लेकर कई आलोचनाएं सामने आई हैं. अमेरिका में भी बोइंग के निर्माण मानकों को लेकर जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि ऐसे में भारत में इस विमान की कार्यशैली और रखरखाव की गहराई से जांच होना बेहद जरूरी है.

DGCA की चेतावनियों को नजरअंदाज किया गया?

डॉ. कौल ने यह भी बताया कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया को कई बार पत्र लिखकर कुछ सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चेतावनी दी थी. उन्होंने यह आशंका जताई कि इन चेतावनियों को गंभीरता से नहीं लिया गया होगा, जिससे सुरक्षा में संभावित चूक हुई. उन्होंने यह बात भी स्पष्ट की कि भारत का विमानन नियमन और सुरक्षा ढांचा अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है, लेकिन उस पर सख्ती से अमल करना भी उतना ही जरूरी है.

अंतरराष्ट्रीय जांच टीमों की होगी भागीदारी

हादसे की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार ने इसकी जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग लेने का फैसला किया है. इसमें न केवल भारतीय विशेषज्ञ शामिल होंगे, बल्कि अमेरिका से बोइंग कंपनी की विशेषज्ञ टीम और अन्य देशों की जांच एजेंसियां भी भाग लेंगी. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इस तरह की घटना दोबारा न हो और विमानन क्षेत्र में यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहे.

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13 June 2025, 02:00 PM IST

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