मुमताज की कब्र पर कहां से गिरती है पानी की बूंद? ताजमहल का रहस्य अब भी कायम
दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल के भीतर मुमताज की कब्र पर टपकती पानी की बूंदें आज भी रहस्य बनी हुई हैं. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने कई बार जांच की, लेकिन छत में किसी छेद या तकनीकी कारण का पता नहीं चला. यह रहस्य अब भी अनसुलझा है.

दुनिया के सात अजूबों में शामिल भारत का ताजमहल अपनी खूबसूरती, नक्काशी और स्थापत्य के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. हर साल करीब 80 लाख पर्यटक इस ऐतिहासिक स्मारक को देखने आगरा पहुंचते हैं. लेकिन ताजमहल से जुड़ा एक रहस्य ऐसा है जिसने वर्षों से विशेषज्ञों को भी हैरान कर रखा है—और वह है मुमताज की कब्र पर छत से टपकती पानी की बूंदें.
ताजमहल के भीतर बनी मुमताज महल की कब्र पर अकसर यह देखा गया है कि छत से पानी की एक-एक बूंद नीचे गिरती है. आश्चर्य की बात यह है कि यह सिलसिला सालों से चला आ रहा है, लेकिन इसका कोई ठोस वैज्ञानिक या तकनीकी कारण अभी तक सामने नहीं आ पाया है. न ही छत में किसी तरह का छेद पाया गया और न ही कोई रिसाव का रास्ता.
पुरातत्व विभाग भी हैरान
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने इस रहस्य की जांच कई बार करवाई है. अलग-अलग तकनीकों का इस्तेमाल करके ताजमहल की छत और मुमताज की कब्र के ऊपर की संरचना की जांच की गई. लेकिन अब तक किसी भी जांच में ऐसा कोई सुराग नहीं मिला जिससे यह साबित हो सके कि पानी आखिर आता कहां से है.
बारिश के बाद भी नहीं मिला जवाब
2024 में जब आगरा में लगातार तीन दिन तक तेज बारिश हुई थी, तब भी ताजमहल की छत से कुछ बूंदें टपकती देखी गई थीं. हालांकि वे बूंदें मामूली ओस जैसी थीं और विशेषज्ञों ने इसे सामान्य बताया. लेकिन मुमताज की कब्र पर टपकने वाली बूंदों के मामले में अब भी कुछ नहीं कहा जा सका. यह सामान्य ओस थी या कोई और कारण, इस पर कोई स्पष्ट मत नहीं बन पाया.
कलाकारी या रहस्य?
कई इतिहासकार और आर्किटेक्ट इसे ताजमहल की बेमिसाल स्थापत्य कला का हिस्सा मानते हैं, जबकि कुछ लोग इसे एक संयोग या स्वाभाविक नमी का असर बताते हैं. लेकिन अब तक किसी भी थ्योरी को अंतिम नहीं माना गया है.


