भारत का बड़ा कूटनीतिक दांव! 5 मुस्लिम देशों से मिलाया हाथ, पाकिस्तान की बढ़ी टेंशन
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख को और सख्त करते हुए पांच मुस्लिम देशों—कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और तुर्कमेनिस्तान—से हाथ मिलाया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर की अगुवाई में इन देशों के साथ हुई बातचीत में आतंकवाद, व्यापार और कनेक्टिविटी जैसे अहम मुद्दों पर सहमति बनी.

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को न सिर्फ जवाब दिया है, बल्कि अब उसे चारों तरफ से घेरने की तैयारी भी शुरू कर दी है. आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए भारत ने पांच मुस्लिम देशों से रणनीतिक साझेदारी की है. ये सभी देश पाकिस्तान के पड़ोसी हैं और खुद भी आतंकवाद से पीड़ित रहे हैं. अब भारत के साथ मिलकर ये देश आतंकियों के नेटवर्क को पूरी तरह तबाह करने की योजना पर काम कर रहे हैं.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर की अगुवाई में भारत ने मध्य एशिया के पांच देशों – कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के साथ कई अहम मुद्दों पर गहन चर्चा की. बातचीत में सुरक्षा, व्यापार, ऊर्जा सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ साझा मोर्चा मजबूत करने की बात हुई.
पाकिस्तान को चारों ओर से घेरने की तैयारी
पहलगाम हमले के बाद भारत ने जिस तरह से जवाबी कार्रवाई की, उसने पाकिस्तान को झकझोर दिया है. अब भारत का अगला कदम यह है कि पाकिस्तान के चारों ओर एक ऐसा सुरक्षा और रणनीतिक घेरा बनाया जाए, जिससे वह किसी भी आतंकी हरकत के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन न जुटा सके. मध्य एशियाई देशों के साथ भारत की साझेदारी इसी दिशा में बड़ा कदम है.
जयशंकर ने की पांच मुस्लिम देशों से मुलाकात
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की. इन बैठकों में आतंकवाद, व्यापार, कनेक्टिविटी और ऊर्जा सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. इन देशों को भी अफगानिस्तान और पाकिस्तान से फैले आतंकी संगठनों से खतरा है.
आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति
जयशंकर ने इन देशों को आश्वस्त किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी सहयोग के लिए हमेशा तैयार है. बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि सभी देश मिलकर आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे. यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि उसका आतंकी नेटवर्क इन्हीं क्षेत्रों में पनपता रहा है.
भारत-मध्य एशिया व्यापार काउंसिल में बड़ा संदेश
जयशंकर ने भारत-मध्य एशिया बिजनेस काउंसिल को संबोधित करते हुए कहा, “हम सभी को अपने व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करना चाहिए. भारत की अर्थव्यवस्था हर साल 6-8% की दर से बढ़ रही है, जिससे व्यापार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं.”
डॉलर पर निर्भरता कम करने की अपील
जयशंकर ने सभी देशों से अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता घटाने की अपील करते हुए कहा, “हमें अपनी-अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार को आसान बनाना चाहिए. इससे न केवल आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, बल्कि वैश्विक दबावों से भी बचा जा सकेगा.”
इन देशों के पास हैं विशाल प्राकृतिक संसाधन
भारत की रणनीतिक साझेदारी की एक बड़ी वजह इन देशों के प्राकृतिक संसाधन भी हैं.
कजाकिस्तान: यूरेनियम
किर्गिस्तान: सोना और पनबिजली
ताजिकिस्तान: भारी जलविद्युत
तुर्कमेनिस्तान: प्राकृतिक गैस
उज्बेकिस्तान: सोना, यूरेनियम और प्राकृतिक गैस
इन संसाधनों से भारत को ऊर्जा सुरक्षा मिलेगी और पाकिस्तान की ऊर्जा निर्भरता को कमजोर किया जा सकेगा.
आतंक के खिलाफ एकजुट हुआ भारत
इन पांच मुस्लिम देशों के साथ भारत की यह साझेदारी साफ संकेत देती है कि अब आतंक के खिलाफ मुस्लिम देशों की भी सोच बदल रही है. भारत और ये देश मिलकर न सिर्फ पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करेंगे, बल्कि उसके आतंकी नेटवर्क को भी जड़ से उखाड़ फेंकेंगे.


