म्यांमार बॉर्डर से सटे चंपाई में ईडी ने पहली बार बड़ी कार्रवाई अंजाम दी
मिज़ोरम के चंपाई जिले में म्यांमार सीमा से सटे इलाके में ईडी ने पहली बार मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की। छापे में ड्रग तस्करी से जुड़ा नेटवर्क सामने आया।

मिज़ोरम के चंपाई जिले में म्यांमार बॉर्डर से सटे क्षेत्र में प्रवर्तन निदेशालय ने पहली बार बड़ी कार्रवाई की। यह छापेमारी 27 नवंबर 2025 को हुई। मामला मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम 2002 के तहत दर्ज किया गया। जांच टीम एक साथ मिज़ोरम के आइजोल और चंपाई, असम के करीमगंज और गुजरात के अहमदाबाद पहुंची। यह कार्रवाई मिज़ोरम पुलिस द्वारा दर्ज NDPS एक्ट वाली FIR के आधार पर की गई। FIR में 4.724 किलो हेरोइन बरामद होने की बात कही गई थी।
कैसे जुड़ा ड्रग तस्करी से मामला
गिरफ्तार लोगों की जांच में पता चला कि ड्रग तस्करी से जुड़ा लेन-देन मिज़ोरम और गुजरात की कुछ कंपनियों के बीच होता रहा। गुजरात की फर्में मिज़ोरम स्थित कंपनियों को सूडोइफेड्रिन टैबलेट्स और कैफीन एन्हाइड्रस सप्लाई करती थीं। कैफीन एन्हाइड्रस मेथामफेटामाइन बनाने में उपयोग होता है। जांच में पाया गया कि यह नेटवर्क कई साल से सक्रिय था और हवाला के जरिए पैसा घूमता था।
क्या सीमा पार भेजे जाते थे प्रिकर्सर
ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि प्रिकर्सर भारत से म्यांमार भेजे जाते हैं। यह भेजना मिज़ोरम और म्यांमार के बीच खुली अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए किया जाता था। वहां मेथामफेटामाइन तैयार होती थी। फिर उसी रास्ते से भारत में भेजी जाती थी। इसी बॉर्डर एरिया को तस्करी का मुख्य मार्ग बताया गया है।
कैसे चलता था हवाला ट्रांजैक्शन
अब तक की जांच में ईडी ने 52.8 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन पाए। इसमें असम, मिज़ोरम, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और दिल्ली में नकद जमा शामिल हैं। हवाला ऑपरेटरों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। इनसे पता लगाया जा रहा है कि नेटवर्क में और कौन लोग शामिल हैं।
क्या शेल कंपनियां भी थीं सक्रिय
जांच में सामने आया कि कोलकाता की कुछ शेल कंपनियां भी इसमें शामिल थीं। इन कंपनियों ने कैफीन एन्हाइड्रस खरीदा था। ड्रग कारोबार से जुड़े पैसों को छिपाने के लिए इन शेल कंपनियों का उपयोग किया गया। लेनदेन कई राज्यों में फैलाया गया ताकि पकड़ा न जा सके।
क्या मिला ईडी की रेड में
छापेमारी के दौरान कुल 35 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। इसके अलावा कई डिजिटल उपकरण भी जब्त किए गए। इनमें नेटवर्क से जुड़े सबूत मिलने की संभावना है। ईडी ने कहा कि जांच जारी रहेगी और जल्द और गिरफ्तारी हो सकती है।
अब आगे क्या कदम उठेंगे
ईडी ने इस कार्रवाई को बड़े ड्रग ट्रैफिकिंग रैकेट की दिशा में अहम कदम बताया। एजेंसी का मानना है कि यह नेटवर्क सीमा पार काम करता है और म्यांमार से सीधा जुड़ा है। आगे वित्तीय जांच तेज होगी और विदेशी लेन-देन की भी पड़ताल की जाएगी। मामले में अगले चरण में इंटर-अजेंसी सहयोग बढ़ाया जा सकता है।


