Delhi की समस्याएं बरकरार: पानी, बिजली और प्रदूषण पर क्या करेगी बीजेपी सरकार?
दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा की सत्ता में वापसी हुई है और रेखा गुप्ता नई मुख्यमंत्री होंगी. अब उनकी सरकार के सामने चुनावी वादों को पूरा करने की बड़ी चुनौती होगी. राजधानी में पानी, बिजली और प्रदूषण की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. इनका समाधान भाजपा सरकार को करना होगा. कानून-व्यवस्था और महिला सुरक्षा पर भी सरकार की परीक्षा होगी. साथ ही, कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखते हुए वित्तीय संतुलन बनाए रखना एक अहम चुनौती होगी.

नई दिल्ली. दिल्ली में 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. लंबे इंतजार के बाद आज नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर दी गई है. दिल्ली की बागडोर अब रेखा गुप्ता संभालेंगी. कल, 20 फरवरी को मुख्यमंत्री समेत पूरे मंत्रिमंडल के सदस्य अपने पद की शपथ लेंगे. हालांकि, नई सरकार के सामने कई अहम चुनौतियां होंगी, जिन्हें पूरा करना भाजपा के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा. आइए जानते हैं, दिल्ली में बनने वाली नई सरकार के सामने कौन-सी 5 प्रमुख चुनौतियां होंगी.
चुनावी वादों को पूरा करने की चुनौती
1. महिलाओं से किए गए वादों की परीक्षाभारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी अभियान के दौरान महिलाओं को 8 मार्च, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस तक 2,500 रुपये की वित्तीय सहायता देने का वादा किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रैलियों में इसे 'मोदी की गारंटी' बताया था. हालांकि, कम समय में इस योजना को प्रभावी रूप से लागू करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है. इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं को 21,000 रुपये की सहायता राशि देने का भी वादा किया गया था. इन योजनाओं के लिए बजट का प्रबंधन और वितरण प्रणाली को मजबूत करना नई सरकार के लिए आवश्यक होगा.
2. पानी और बिजली की समस्याएं बनी रहेंगी बड़ी चुनौतीदिल्ली में पानी की कमी और अनियमित आपूर्ति लंबे समय से एक समस्या बनी हुई है. यमुना का प्रदूषण इस समस्या को और भी जटिल बना देता है. नई सरकार को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे. वहीं, चुनावी वादों में निर्बाध बिजली आपूर्ति का भी वादा किया गया था. आम आदमी पार्टी की सरकार के समय में बिजली कटौती को लेकर शिकायतें थीं, अब भाजपा सरकार को यह दिखाना होगा कि वह इस समस्या का समाधान कितनी प्रभावी ढंग से कर सकती है.
3. वायु प्रदूषण पर नियंत्रण की आवश्यकतादिल्ली की जहरीली हवा हर सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती रही है. आम आदमी पार्टी भी इस समस्या को पूरी तरह हल नहीं कर पाई थी. खासकर सर्दियों में पराली जलाने, वाहनों से निकलने वाले धुएं और औद्योगिक प्रदूषण के कारण स्थिति और खराब हो जाती है. नई सरकार को हरित क्षेत्र बढ़ाने, इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने और कचरा प्रबंधन सुधारने जैसे स्थायी उपायों को अपनाना होगा.
4. कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने की चुनौती दिल्ली में बढ़ते अपराध और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं. पुलिस व्यवस्था को मजबूत करना और दिल्ली पुलिस के साथ बेहतर समन्वय बनाना भाजपा सरकार के लिए एक अहम जिम्मेदारी होगी. पिछली सरकार यह कहकर बचती रही थी कि दिल्ली पुलिस केंद्र के अधीन है, लेकिन भाजपा सरकार के लिए यह तर्क नहीं चलेगा. अब देखना होगा कि अपराध दर में कितनी गिरावट आती है और सुरक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत होती है.
5. कल्याणकारी योजनाओं का सुचारु क्रियान्वयनदिल्ली में आम आदमी पार्टी की सफलता की एक बड़ी वजह उसकी कल्याणकारी योजनाएं रही थीं, जैसे मुफ्त पानी, बिजली, मोहल्ला क्लीनिक और सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा. भाजपा ने भी अपने घोषणापत्र में इसी तरह की योजनाओं का वादा किया है. नई सरकार के सामने चुनौती होगी कि वह इन वादों को पूरा करते हुए वित्तीय स्थिरता भी बनाए रखे. प्रशासन को सामाजिक कल्याण और वित्तीय संतुलन के बीच बेहतर तालमेल बैठाना होगा.


