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'आकाशतीर' की मार से कांपे दुश्मन, भारत की नई सैन्य शक्ति ने मचाया तहलका

AkashTeer: भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए आकाशतीर नाम की एआई-संचालित स्वायत्त रक्षा प्रणाली का अनावरण किया है. यह प्रणाली पूरी तरह स्वदेशी है और इसमें ISRO के सैटेलाइट, NAVIC नेविगेशन, स्टील्थ ड्रोन और रीयल-टाइम युद्ध एआई का समावेश है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

AkashTeer: भारत ने रक्षा तकनीक के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए आकाशतीर नाम की एक अत्याधुनिक, एआई-समर्थित स्वायत्त रक्षा प्रणाली का सफल अनावरण किया है. यह स्वदेशी प्लेटफॉर्म भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), DRDO और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के संयुक्त प्रयास का परिणाम है, जिसे पूरी तरह से भारतीय तकनीक और संसाधनों से विकसित किया गया है. अमेरिका, चीन और पाकिस्तान जैसे देशों को इस नवाचार ने चौंका दिया है.

यह प्रणाली न केवल एक हथियार प्रणाली है, बल्कि एक संपूर्ण युद्ध इकोसिस्टम है, जो AI युद्ध-क्लाउड, सैटेलाइट निगरानी, स्वदेशी नेविगेशन और स्टील्थ ड्रोन स्वॉर्म की समन्वित शक्ति के साथ वास्तविक समय में निर्णय ले सकती है और हमला कर सकती है. DRDO के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के अनुसार, “आकाशतीर देखता है, फैसला करता है और हमला करता है वह भी दुनिया के किसी भी मौजूदा सिस्टम से तेज़.”

क्या है आकाशतीर?

आकाशतीर एक बहु-स्तरीय, एआई-संचालित, पूर्णतः स्वायत्त रक्षा प्रणाली है जो निम्नलिखित तकनीकों को एकीकृत करती है:

  • ISRO के पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (Cartosat, RISAT) के माध्यम से लगातार टेरेन मैपिंग.

  • NAVIC नेविगेशन सिस्टम, जो भारत का स्वयं का GPS है, अत्यधिक सटीकता के साथ टारगेटिंग करता है.

  • स्टील्थ ड्रोन स्वॉर्म, जो 5 से 10 किलो तक के पेलोड ले जा सकते हैं  जैसे जैमर, रेकॉन यूनिट्स या हथियार.

  • BEL द्वारा निर्मित स्वदेशी AI प्रोसेसर और युद्ध कमांड नोड्स.

  • स्व-अपडेटिंग कमांड ग्रिड्स, जो मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता समाप्त कर देते हैं.

  • इस सिस्टम की खास बात यह है कि यह मानवीय नियंत्रण के बिना भी टारगेट चुनने, उड़ान पथ बदलने और समन्वित हमले करने में सक्षम है.

क्यों दुनिया हैरान है?

1. सैटेलाइट संप्रभुता और तात्कालिक युद्धक्षेत्र जानकारी
ISRO के Cartosat और RISAT उपग्रहों के जरिए यह प्रणाली बिना किसी विदेशी सैटेलाइट पर निर्भर हुए लाइव फीड प्राप्त करती है. यह फीड रीयल-टाइम लक्ष्य पहचान में सहायता करती है और पश्चिमी प्रणालियों की तुलना में कहीं अधिक तेज़ है.

2. विदेशी GPS से मुक्त
NAVIC की सहायता से यह प्रणाली उन इलाकों में भी सटीक नेविगेशन करती है, जहां विदेशी GPS विफल हो सकते हैं — जैसे हिमालय या रेगिस्तानी इलाके. इससे ड्रोन लक्ष्य को बिल्कुल सटीकता से भेद सकते हैं.

3. राडार को चकमा देने वाले स्टील्थ ड्रोन
आकाशतीर के ड्रोन निम्न ऊंचाई पर उड़ते हैं, राडार से बचते हैं और स्व-नेविगेट करते हैं. इन्हें “इंटेलिजेंट कामिकाज़े ड्रोन” कहा जा रहा है, जो उड़ान के दौरान ही लक्ष्य को बदल सकते हैं और आपस में संवाद कर सकते हैं.

4. एआई संचालित युद्ध क्लाउड
इसका सबसे अभिनव पहलू इसकी AI प्रणाली है, जो मौसम, टेरेन, राडार इंटसेप्ट आदि से डेटा लेकर निर्णय लेती है और बिना किसी मानवीय देरी के रणनीति बदलती है. यह प्रणाली नाटो की मौजूदा एआई युद्ध प्रणालियों से भी तेज़ मानी जा रही है.

वैश्विक प्रतिक्रियाएं: सराहना, चिंता और चुप्पी

  • अमेरिका: पेंटागन के सूत्रों के अनुसार, आकाशतीर ड्रोन ने फील्ड टेस्ट में पाकिस्तानी और चीनी राडारों को भेदते हुए प्रवेश किया. एक रक्षा अधिकारी ने कहा, 'यह हमारी स्टील्थ तकनीक के बराबर या उससे बेहतर हो सकता है.'

  • चीन: चीन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि बीजिंग की CASC और BeiDou टीमें अपनी रक्षा रणनीतियों में तत्काल बदलाव कर रही हैं.

  • पाकिस्तान: रिपोर्टों के अनुसार, आकाशतीर ड्रोन पाकिस्तानी कमांड क्षेत्रों में घुस गए और उनके अमेरिकी उपकरणों से लैस राडार सिस्टम निष्क्रिय हो गए. रावलपिंडी के एक रक्षा सलाहकार ने बताया, 'यह अब तक का सबसे खतरनाक सिस्टम है जो हमने देखा है.'

  • तुर्की: Bayraktar ड्रोनों के लिए प्रसिद्ध तुर्की अब अपने सिस्टम के सॉफ्टवेयर को अपडेट करने की तैयारी कर रहा है, क्योंकि आकाशतीर की स्वायत्तता और गति को वह चुनौती मान रहा है.

क्यों आकाशतीर है सबसे अलग?

  • 100% स्वदेशी तकनीक: इसमें भारतीय चिप, कोड और सैटेलाइट का ही उपयोग हुआ है.

  • DRDO–ISRO–BEL का तालमेल: यह सामूहिक नवाचार का आदर्श उदाहरण है.

  • कोई विदेशी निर्भरता नहीं: न नाटो की चिप, न विदेशी GPS, न इंपोर्टेड प्रोसेसर.

  • स्टील्थ, स्पीड और स्वॉर्म का मेल: यह संयोजन दुनिया में अद्वितीय है.

  • संचालन में सक्षम: इसे जीप, ट्रक या मोबाइल यूनिट से तुरंत लॉन्च किया जा सकता है.

  • लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) डीएस हुड्डा के अनुसार, “यह भारत का पीछा करना नहीं, बल्कि नेतृत्व करना है. हम एक नई सैन्य रणनीति के जन्म के साक्षी हैं.”

रणनीतिक प्रभाव

LOC पर तनाव के बीच, आकाशतीर को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तैनात किया गया, जिसमें भारतीय बलों ने 40 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया और कई विमानों को निष्क्रिय किया. इसकी बहुआयामी क्षमताएं – शहरी आतंकवाद विरोधी अभियानों से लेकर सीमाई युद्ध तक – इसे अब तक की सबसे संपूर्ण रक्षा प्रणाली बनाती हैं, जिसे किसी गैर-नाटो देश ने तैनात किया हो.

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13 May 2025, 04:09 PM IST

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