ट्रंप के टैरिफ का जवाब: भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने का रखा प्रस्ताव
भारत ने कुछ अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने का सुझाव दिया है. डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान यह भारत का पहला जवाबी कदम है.

भारत ने 13 मई, 2025 को विश्व व्यापार संगठन (WTO) को सूचित किया कि वह अमेरिका द्वारा स्टील और एल्युमीनियम पर लगाए गए 25% शुल्क के जवाब में कुछ अमेरिकी उत्पादों पर प्रतिशोधी शुल्क लगाने पर विचार कर रहा है. भारत का कहना है कि अमेरिका के ये शुल्क उसके 7.6 अरब डॉलर के निर्यात को प्रभावित कर रहे हैं. अमेरिका ने इन शुल्कों के अलावा भारत के उत्पादों पर 26% तक का प्रतिशोधी शुल्क लगाने की धमकी भी दी है.
भारत ने पहले भी 2018 में अमेरिका के इन शुल्कों के खिलाफ WTO में शिकायत दर्ज की थी, जिसमें कहा था कि ये शुल्क GATT 1994 और Safeguards समझौते के खिलाफ हैं. भारत का कहना है कि अमेरिका ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए यह शुल्क लगाए हैं, जो WTO नियमों का उल्लंघन करते हैं.
भारत की पहली जवाबी कार्रवाई
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के प्रयास जारी हैं. भारत ने प्रस्तावित किया है कि वह अपने औसत शुल्क अंतर को 13% से घटाकर 4% से कम कर देगा, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों में सुधार हो सके. इसके बदले में, भारत अमेरिकी उत्पादों के लिए बेहतर बाजार पहुंच और कुछ उत्पादों पर शुल्क में छूट की मांग कर रहा है.
अमेरिकी आयात पर बढ़ेगा शुल्क
हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि वह WTO के तहत ही अमेरिका के खिलाफ कार्रवाई करेगा और किसी भी प्रकार की एकतरफा कार्रवाई से बचने की कोशिश करेगा. दोनों देशों के अधिकारी इस समझौते को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत कर रहे हैं, और एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में अमेरिका का दौरा करेगा.
इस बीच, भारत ने पिछले महीने चीन से सस्ते स्टील के आयात पर अंकुश लगाने के लिए 12% अस्थायी शुल्क लगाया था. इसके अलावा, भारत अमेरिका से आयातित उत्पादों पर 10% से कम शुल्क लगाता है, जो अमेरिकी आरोपों के मुकाबले कम है.


