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'फाइटर जेट किलर' की भारत में एंट्री ! Pakistan की उड़ी रातों की नींद

भारत की सैन्य ताकत को और भी घातक बनाने के लिए ‘फाइटर जेट किलर’ मिसाइल सिस्टम की एंट्री हो चुकी है! इससे पाकिस्तान की चिंता और बढ़ गई है, क्योंकि अब भारतीय वायुसेना दुश्मन के लड़ाकू विमानों को हवा में ही खत्म करने में और ज्यादा सक्षम हो गई है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

भारत की वायुसेना को जल्द ही एक ऐसा खतरनाक हथियार मिलने वाला है, जिससे दुश्मन देशों की चिंता कई गुना बढ़ गई है. रूस ने भारत को अपनी R-37M एयर-टू-एयर मिसाइल ऑफर की है, जिसे दुनिया की सबसे घातक लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों में गिना जाता है. यह भारतीय वायुसेना की पुरानी R-77 मिसाइल की जगह लेगी, जिसे भारत ने पहले रूस से ही खरीदा था.  

सबसे बड़ी बात यह है कि रूस ने भारत को इस मिसाइल के उत्पादन का लाइसेंस देने की पेशकश भी की है. अगर यह डील होती है, तो भारत में ही इस मिसाइल का निर्माण संभव हो सकेगा, जिससे भारतीय वायुसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा. यह मिसाइल खासतौर पर पाकिस्तानी F-16 और अन्य दुश्मन लड़ाकू विमानों के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती है.

R-37M मिसाइल: आखिर क्यों इतनी खतरनाक है?  

बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइल  

R-37M मिसाइल को NATO में AA-13 Axehead के नाम से जाना जाता है. यह एक लॉन्ग-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल है, जिसे दुश्मन के लड़ाकू विमानों, ड्रोन, टैंकर विमान और AWACS को निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह दृश्य-सीमा से परे (Beyond Visual Range - BVR) दुश्मन को मार गिराने की क्षमता रखती है.  

300-400 किलोमीटर तक सटीक वार  

R-37M मिसाइल में एक जेटिसनेबल रॉकेट बूस्टर लगा है, जो इसे 300 से 400 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेदने की ताकत देता है. यह क्षमता इसे दुनिया की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली एयर-टू-एयर मिसाइलों में शुमार करती है. यानी भारतीय लड़ाकू विमान सीमा पार किए बिना भी दुश्मन को खत्म कर सकते हैं.

हाइपरसोनिक गति से दुश्मन का सफाया  

यह मिसाइल मैक 6 (ध्वनि की गति से 6 गुना तेज़) की स्पीड तक पहुंच सकती है, जिससे यह हाइपरसोनिक हथियारों की श्रेणी में आती है. इतनी जबरदस्त गति होने के कारण दुश्मन के विमानों को इसे चकमा देने का मौका नहीं मिलेगा. इसकी गाइडेंस प्रणाली इनर्शियल नेविगेशन और मिड-कोर्स अपडेशन से लैस है, जिससे यह उड़ान के दौरान भी लक्ष्य को बदल सकती है.

पाकिस्तानी F-16 के लिए बन सकती है ‘काल’!  

पाकिस्तानी वायुसेना की ताकत का बड़ा हिस्सा अमेरिकी F-16 लड़ाकू विमानों पर निर्भर है. ये विमान पाकिस्तान की एयर डिफेंस का सबसे मजबूत आधार माने जाते हैं. लेकिन अगर भारत R-37M मिसाइल को अपने बेड़े में शामिल कर लेता है, तो पाकिस्तानी F-16 विमानों के लिए यह किसी काल से कम नहीं होगा.  

👉 भारत को सीमा पार जाने की जरूरत नहीं होगी – R-37M इतनी लंबी दूरी तक हमला कर सकती है कि भारतीय लड़ाकू विमान सीमा के इस पार रहकर ही दुश्मन के विमानों को खत्म कर सकते हैं.  

👉 पाकिस्तानी वायुसेना की रणनीति पर बड़ा असर – F-16 विमान भारतीय सीमा के पास भी आने से घबराएंगे, क्योंकि भारतीय सुखोई Su-30MKI जैसे विमान इन्हें LOC के इस पार से ही उड़ा सकते हैं.  

👉 भारतीय वायुसेना को रणनीतिक बढ़त – यह मिसाइल भारतीय वायुसेना को दुश्मन के लड़ाकू विमानों को उनकी पहुंच से पहले ही खत्म करने की शक्ति देगी.  

क्या यह डील भारतीय वायुसेना के लिए गेम चेंजर होगी?  

अगर भारत को R-37M मिसाइल के निर्माण का लाइसेंस मिल जाता है, तो यह आत्मनिर्भर भारत (Make in India) अभियान के तहत एक बड़ी उपलब्धि होगी. इससे भारतीय वायुसेना को तेजी से मिसाइल सप्लाई मिलेगी, और युद्धकाल में किसी बाहरी देश पर निर्भरता खत्म हो जाएगी.  

🔹 भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी  

🔹 F-16 और दुश्मन के अन्य लड़ाकू विमानों के खिलाफ निर्णायक बढ़त  

🔹 एयर-टू-एयर कॉम्बैट में भारतीय वायुसेना को अजेय बनाने की दिशा में बड़ा कदम  

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11 February 2025, 01:34 PM IST

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