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तुर्की की सैन्य मजबूती से बढ़ी चीन की 'बेचैनी', अब एर्दोगन का अगला कदम क्या होगा?

तुर्की एयरक्राफ्ट कैरियर 'थ्रेस' बना रहा है, जिससे उसकी नौसैनिक ताकत बढ़ेगी. इसकी बढ़ती सैन्य शक्ति प्रशांत और हिंद महासागर में चीन के लिए एक बड़ी चिंता बन गई है, खासकर तुर्की की जापान, दक्षिण कोरिया और फिलीपींस के साथ बढ़ती सैन्य साझेदारी के कारण.

तुर्की अपनी सैन्य शक्ति को लगातार मजबूत करने में जुटा हुआ है. अंकारा वर्तमान में एक विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण कर रहा है, जिसका वजन 60,000 टन है. रिपोर्ट्स की मानें तो, ये एयरक्राफ्ट कैरियर तुर्की के युद्धपोत TCG Anadolu जितना बड़ा होगा और फिलहाल इसे 'थ्रेस' नाम दिया गया है. इसका मतलब है कि तुर्की की नौसैनिक ताकत अब और भी अधिक बढ़ने वाली है. 

तुर्की की बढ़ती सैन्य शक्ति से चीन चिंतित

तुर्की की तेजी से बढ़ती सैन्य ताकत शी जिनपिंग के नेतृत्व वाले चीन के लिए एक बड़ी चिंता बन गई है. माना जा रहा है कि इस एयरक्राफ्ट कैरियर के जरिए तुर्की अपनी नौसैनिक शक्ति का प्रदर्शन करेगा. यह जहाज भूमध्य सागर, काला सागर और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. 

प्रशांत क्षेत्र में तुर्की का प्रभाव बढ़ता जा रहा

ये भी महत्वपूर्ण है कि तुर्की लगातार प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य और राजनयिक मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, जहां चीन की नजरें पहले से ही टिकी हुई हैं. इसके अलावा, तुर्की की सैन्य साझेदारी जापान, दक्षिण कोरिया और फिलीपींस जैसे देशों के साथ मजबूत हो रही है. ये वे देश हैं जिनका चीन के साथ दक्षिण चीन सागर में अक्सर टकराव होता रहता है. 

तुर्की और चीन के बीच बढ़ती तनातनी

तुर्की के इन देशों के साथ नौसैनिक अभ्यास करना हमेशा से चीन के लिए चिंता का विषय रहा है. ऐसे में, तुर्की का यह नया एयरक्राफ्ट कैरियर चीन के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है. शी जिनपिंग प्रशासन अफ्रीका और हिंद महासागर में अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए दिन-रात काम कर रहा है. इन दोनों ही क्षेत्रों में चीन की रणनीतिक, आर्थिक और सैन्य गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं. .हालांकि, तुर्की ने हॉर्न ऑफ अफ्रीका (सोमालिया, जिबूती) और लीबिया जैसे इलाकों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, जिससे चीन को अक्सर चिंता होती रहती है. 

तुर्की के लिए बड़ी चुनौती ग्रीस से तनाव

तुर्की की बढ़ती सैन्य ताकत के बावजूद, उसकी सबसे बड़ी कमजोरी ग्रीस के साथ उसका भूगोलिक तनाव है. ग्रीक एयरफोर्स के पास इतनी क्षमता है कि वह आसानी से तुर्की को निशाना बना सकती है. इसी कारण से, तुर्की एजियन सागर में कमजोर स्थिति में है और वहां अपने एयरक्राफ्ट कैरियर का प्रभावी रूप से उपयोग नहीं कर सकता. 

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11 February 2025, 01:26 PM IST

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