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'संभल मस्जिद पर रंगाई-पुताई यहां तक की रमजान की तैयारी भी अब कोर्ट की मंजूरी से ही होगी!'

रमजान से पहले संभल की ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद की सफाई और सजावट पर रोक लगा दी गई है. प्रशासन ने साफ कह दिया है कि जब तक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से मंजूरी नहीं मिलती, कोई भी काम नहीं होगा. डीएम ने यह भी सवाल उठाया कि जब मस्जिद विवादित है, तो उसे सजाने की जरूरत ही क्यों पड़ रही है? मस्जिद प्रबंधन का कहना है कि यह सदियों पुरानी परंपरा है, लेकिन मामला अब कोर्ट में है. आगे क्या होगा? पढ़ें पूरी खबर!

Aprajita
Edited By: Aprajita

Sambhal Mosque: संभल की ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद को रमजान से पहले सजाने और रंग-रोगन का मामला अब प्रशासनिक दायरे में आ गया है. जिला प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की अनुमति के बिना मस्जिद में कोई भी बदलाव या सजावट नहीं की जा सकती. यह आदेश तब आया है जब मस्जिद प्रबंधन समिति ने रमजान से पहले सफाई और रंगाई-पुताई की इजाजत मांगी थी.

क्या है पूरा मामला?

शाही जामा मस्जिद, जो कि एक मुगलकालीन इमारत है, इस समय विवादों में घिरी हुई है. हाल ही में स्थानीय अदालत के आदेश पर इस मस्जिद का सर्वेक्षण कराया गया था, जिसके बाद इलाके में तनाव बढ़ गया था. इस सर्वे का कारण एक याचिका थी, जिसमें दावा किया गया था कि इस स्थल पर कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था.

अब जब रमजान का महीना नजदीक है, मस्जिद प्रबंधन समिति ने परंपरागत रूप से होने वाली सफाई और सजावट के लिए औपचारिक अनुमति लेने का फैसला किया. प्रबंधन समिति के अध्यक्ष जफर अली ने बताया कि मस्जिद में हर साल रमजान से पहले सफाई और रंगाई होती रही है, लेकिन इस बार प्रशासन की अनुमति लेने की जरूरत महसूस हुई.

डीएम का सख्त रुख – बिना इजाजत कोई काम नहीं

संभल के जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने इस मसले पर साफ कहा कि चूंकि मामला अदालत में विचाराधीन है और मस्जिद एएसआई के संरक्षण में आती है, इसलिए किसी भी प्रकार का कार्य बिना अनुमति नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, "एएसआई की मंजूरी के बिना मस्जिद पर कोई काम नहीं होना चाहिए." डीएम ने यह भी सवाल उठाया कि जब मस्जिद एक विवादित स्थल है, तो उसे रंगने और सजाने की जरूरत क्यों पड़ रही है? वहीं, मस्जिद प्रबंधन का कहना है कि सदियों से यह परंपरा रही है और एएसआई को इस पर कोई आपत्ति नहीं रही है.

बिना अनुमति कोई कार्य होगा बाधित 

अब यह देखना होगा कि एएसआई इस अनुरोध को मंजूरी देता है या नहीं. फिलहाल प्रशासन ने अपने आदेश से साफ कर दिया है कि बिना अनुमति कोई कार्य नहीं होगा. इस फैसले ने न सिर्फ मस्जिद प्रबंधन बल्कि स्थानीय लोगों के बीच भी चर्चा को जन्म दे दिया है. आगे का रास्ता कोर्ट और एएसआई के निर्णय पर निर्भर करेगा, लेकिन फिलहाल, रमजान से पहले मस्जिद में किसी भी तरह का कार्य प्रशासन की निगरानी में ही संभव होगा.

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24 February 2025, 02:53 PM IST

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