हर संभव मदद की जाएगी... किश्तवाड़ में बादल फटने से मची तबाही पर बोले PM मोदी, राहुल गांधी ने भी जताया दुख
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से हुई भीषण तबाही में अब तक करीब 40 लोगों की मौत, 120 से ज्यादा घायल और 200 से ज्यादा लापता हैं. पीएम मोदी और राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने शोक जताते हुए प्रशासन से बचाव कार्य तेज करने की अपील की है.

J&K's Kishtwar flashflood: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने के कारण भारी तबाही मच गई है. इस प्राकृतिक आपदा में अब तक करीब 40 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 120 से ज्यादा लोग घायल हैं. हालात इतने भयानक हैं कि 200 से ज्यादा लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं, लेकिन खराब मौसम और मलबे के कारण रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही हैं.
देशभर में इस हादसे को लेकर गहरा शोक व्यक्त किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने दुख जताते हुए प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है. इसके साथ ही, प्रशासन से राहत कार्यों में तेजी लाने की अपील भी की है.
हादसे पर PM मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किश्तवाड़ आपदा पर गहरा दुख जताया. उन्होंने कहा कि इस आपदा से प्रभावित सभी लोगों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं. हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और राहत-बचाव कार्य जारी हैं. जरूरतमंदों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.
राहुल गांधी ने हादसे को बताया 'बेहद दुखद'
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस हादसे को 'बेहद दुखद' बताया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से आई तबाही के कारण कई लोगों की मौत और कइयों के लापता होने की खबर बेहद दुखद है. मैं प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और लापता लोगों के जल्द मिलने की आशा करता हूं. राहुल गांधी ने आगे कहा कि प्रशासन से आग्रह है कि राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाएं. कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि प्रशासन का सहयोग करें और जरूरतमंदों की हरसंभव मदद करें.
राहत कार्यों में चुनौतियां
स्थानीय प्रशासन, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार बचाव अभियान चला रही हैं. हालांकि, मलबे और पानी से भरे क्षेत्रों में पहुंचना बेहद कठिन साबित हो रहा है. प्रभावित इलाकों में मौसम की स्थिति अब भी खराब है, जिससे खतरा बरकरार है. अधिकारियों का कहना है कि राहत और बचाव कार्य चौबीसों घंटे चल रहे हैं. हेलिकॉप्टरों और ड्रोन की मदद से भी फंसे लोगों को ढूंढने की कोशिश की जा रही है. सरकार ने मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा भी की है.


