फारूक अब्दुल्ला की उम्मीद: क्या जयशंकर की यात्रा से बदलेंगे भारत-पाक के रिश्ते?

India-Pak Relation: फारूक अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता की उम्मीद जताई है, खासकर विदेश मंत्री एस जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा को लेकर. जयशंकर 15-16 अक्टूबर को शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन में शामिल होंगे लेकिन उन्होंने पहले ही साफ कर दिया है कि इस दौरान भारत-पाक संबंधों पर चर्चा नहीं होगी. क्या यह यात्रा भारत-पाक रिश्तों में कोई बदलाव लाएगी? जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें!

JBT Desk
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India-Pak Relation: नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत की संभावनाओं को लेकर आशा जताई है. दरअसल विदेश मंत्री एस जयशंकर 15 और 16 अक्टूबर को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं. अब्दुल्ला का मानना है कि इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय मामलों पर चर्चा की जा सकती है.

उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि हर मुद्दे पर बातचीत होगी. आर्थिक मुद्दे हमारे लिए और पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं. मुझे विश्वास है कि द्विपक्षीय मामलों पर भी चर्चा होगी.' उनका यह बयान तब आया है जब भारत और पाकिस्तान के रिश्ते पिछले कुछ समय से तनावपूर्ण रहे हैं.

बेहतर समझ की उम्मीद

फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार के लिए दोनों देशों के बीच बेहतर संवाद होगा. उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि वे मैत्रीपूर्ण रहेंगे और दोनों देशों के बीच बेहतर समझ विकसित करने का प्रयास करेंगे.'

हालांकि, विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह अपनी यात्रा के दौरान भारत-पाक संबंधों पर कोई चर्चा नहीं करेंगे. इस यात्रा के दौरान, जयशंकर एससीओ के शासनाध्यक्ष परिषद (सीएचजी) सम्मेलन में भाग लेंगे जो पिछले आठ वर्षों में भारत से पाकिस्तान की पहली उच्च स्तरीय यात्रा होगी.

शत्रुता खत्म करने की उम्मीद

जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने आशा व्यक्त की है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 'शत्रुता' खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि ऐसा होगा. कोई नहीं कह सकता कि वहां क्या होगा. लेकिन मैं उम्मीद करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि दुश्मनी खत्म हो जाएगी और दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध बनेंगे.'

इस बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर इस्लामाबाद का रुख कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन के रुख जैसा है, जिसने इसकी बहाली की मांग की है. इससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान इस मुद्दे को लेकर गंभीर है और भारत से चर्चा चाहता है.

विवादास्पद मुद्दों पर सख्त रुख

भारत ने इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक को भारत में शरण देने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की है, जो दोनों देशों के बीच तनाव का एक और कारण है. ऐसे समय में जब दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहद नाजुक हैं, फारूक अब्दुल्ला का यह आशावाद महत्वपूर्ण है.

फारूक अब्दुल्ला का आशावाद यह दर्शाता है कि राजनीतिक नेतृत्व दोनों देशों के बीच संवाद को लेकर सकारात्मक सोच रखता है. हालांकि, यह देखने वाली बात होगी कि क्या विदेश मंत्री जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा वास्तव में द्विपक्षीय वार्ता का मार्ग प्रशस्त करती है या नहीं!

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05 October 2024, 06:39 PM IST

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