असीम मुनीर तभी समझेंगे, जब उनके बच्चों को ... पहलगाम हमले में मारे गए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता का छलका दर्द
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत के बाद उनके पिता राजेश नरवाल का पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ फूटा गुस्सा देशभर को झकझोर गया है. उन्होंने फील्ड मार्शल असीम मुनीर को निशाना बनाते हुए कहा कि जब उसके अपने बच्चे को आतंकी मारेंगे, तभी वो इस पीड़ा को समझेगा.

हरियाणा के करनाल निवासी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शादी के महज एक हफ्ते बाद हुए पहलगाम आतंकी हमले में शहादत ने देश को झकझोर कर रख दिया. लेकिन उससे भी ज्यादा विचलित कर देने वाला है एक पिता का वो गुस्सा और दर्द, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है. शहीद लेफ्टिनेंट विनय के पिता राजेश नरवाल ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर पर सीधा निशाना साधते हुए कहा है कि वो सिर्फ तब इस पीड़ा को समझ सकेगा, जब उसके अपने बेटे या बेटी को कोई आतंकवादी मार डाले.
राजेश नरवाल का ये बयान ना सिर्फ पाकिस्तान को आईना दिखाता है, बल्कि उस वैश्विक चुप्पी को भी सवालों के घेरे में खड़ा करता है जो आतंकवाद पर अब तक महज ‘नीति’ और ‘बयान’ तक सिमटी रही है.
'...जब उसके बेटे या बेटी को कोई मारेगा'
राजेश नरवाल ने कहा कि वो (असीम मुनीर) मेरी पीड़ा को तभी समझेगा, जिस दिन उसके बेटे या बेटी को कोई आतंकवादी मार डालेगा. अगर मुझे एक आम नागरिक होते हुए भी बंदूक मिल जाए और मैं उसके बेटे या बेटी को मार दूं, तभी उसे इस दर्द का एहसास होगा. शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की 16 अप्रैल को शादी हुई थी और 22 अप्रैल को वे कश्मीर के पहलगाम में पत्नी संग हनीमून पर गए थे. उसी दौरान आतंकियों ने 26 पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं, जिनमें विनय भी शहीद हो गए.
'परिवार के सामने रो भी नहीं सकता… सब बिखर चुके हैं'
राजेश नरवाल ने टूटे मन से कहा कि मैं अपने परिवार के सामने रो भी नहीं सकता. मेरी पत्नी, मेरे माता-पिता- सब टूट चुके हैं. लेकिन मुझे खुद को मजबूत दिखाना पड़ता है ताकि उन्हें लगे कि मैं संभल गया हूं. मन में शांति नहीं है. कई दिन हो चुके हैं, लेकिन हम सो नहीं पा रहे. दिमाग शून्य हो चुका है, कोई भी दो-तीन घंटे से ज्यादा नहीं सो पा रहा.
'विनय हर पल आंखों के सामने रहता है'
राजेश नरवाल ने बताया कि वे हर समय अपने बेटे विनय को याद करते हैं. उन्होंने कहा कि विनय हर वक्त मेरे जहन में रहता है, 24 घंटे. सुबह जब नींद खुलती है तो सबसे पहले वही सामने आता है. उन्होंने कहा कि पूरी फैमिली मानसिक तौर पर टूट चुकी है और इलाज के नाम पर डॉक्टर सिर्फ दवाएं देकर चले जाते हैं, पर उस दर्द की कोई दवा नहीं जो उनके दिल में है.
23 अप्रैल को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल का अंतिम संस्कार 23 अप्रैल को हरियाणा के करनाल में पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया. विनय भारतीय नौसेना में SSB के माध्यम से चयनित हुए थे और महज दो सालों में उन्होंने लेफ्टिनेंट का पद हासिल कर लिया था. राजेश नरवाल की ये भावनाएं ऐसे वक्त सामने आई हैं जब अमेरिका ने हाल ही में The Resistance Front (TRF) को एक वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया है. TRF को कश्मीर में कई आतंकी हमलों का जिम्मेदार माना जाता है, जिसमें लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत भी शामिल है.


