बरेली के पूर्व वैज्ञानिक से करोड़ों की ठगी, खुद को बताया CBI अफसर... STF ने 2 को किया गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के बरेली से एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आय है. जहां एक पूर्व वैज्ञानिक से धोखाधड़ी जैसे बड़े अपराध को अंजाम दिया गया है. आरोपियों ने तीन दिन तक उन्हें डिजिटल गिरफ्तारी में रखा और दबाव बनाकर 1.29 करोड़ रुपये कई खातों में ट्रांसफर करवा दिए. वहीं अब पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

उत्तर प्रदेश के बरेली में एक सेवानिवृत्त वैज्ञानिक को साइबर अपराधियों ने CBI अफसर बनकर ठग लिया. तीन दिन तक उन्हें ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ में रखा गया और दबाव बनाकर 1.29 करोड़ रुपये कई खातों में ट्रांसफर करवाए गए. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है.
CBI अफसर बनकर दी धमकी
आपको बता दें कि डॉ. शुकदेव नंदी, जो भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में पूर्व वैज्ञानिक थे, व्हाट्सएप कॉल के जरिए अपराधियों के झांसे में आए. नकली CBI अफसर बनकर कॉल कर धमकी दी गई और जबरन बड़ी रकम ट्रांसफर करवाई गई.
STF ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने लखनऊ से प्रदीप कुमार सिंह (50) और महफूज (21) को गिरफ्तार किया. आरोपियों के कब्जे से दो मोबाइल फोन, पैन कार्ड, आधार कार्ड और क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट से जुड़ी कागजात बरामद हुए.
ठगी के रकम को गैंग में बाटा
पुलिस के अनुसार, प्रदीप कुमार सिंह एक निजी कंपनी के निदेशक हैं. उन्होंने ICICI बैंक में कंपनी के नाम से एक कॉरपोरेट बैंक खाता खुलवाया था, जिसमें डॉ. नंदी से ठगी गई रकम जमा की गई. वहीं जब इस धोखाधड़ी के बार में प्रदीप से पूछताछ किया गया तो उसने बताया कि इस रकम को हमने गैंग के बीच बांटा और बिनेंस ऐप के जरिए USDT( क्रिप्टोकरेंसी) में कमीशन भी कमाया. उसने बताया कि अब तक कुल 871 USDT कमा चुके है.
9 लाख रुपये महफूज के खाते में हुए जमा
महफूज ने बताया कि उसने गैंग के कहने पर एक बैंक खाता खुलवाया था. इस खाते में करीब 9 लाख रुपये जमा हुए. वह गैंग को अपना ATM कार्ड और सिम कार्ड भी देता था, जिससे धोखाधड़ी की गई.
पुलिस ने की कानूनी कार्रवाई
इस मामले में बरेली साइबर क्राइम थाना में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66D के तहत धोखाधड़ी और वसूली का केस दर्ज किया गया है.
पहले भी गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. पुलिस ने बताया कि 5 जुलाई को इस गैंग के चार और सदस्य गिरफ्तार किए गए थे. अब अन्य बैंक खातों, क्रिप्टो वॉलेट्स और गैंग के अन्य सदस्यों की भी जांच जारी है.


