इस्तीफे के 52 बाद दिखे पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, एम. वेंकैया नायडू से बातचीत करते आए नजर
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफे के 52 दिन बाद सी. पी. राधाकृष्णन के शपथग्रहण समारोह में सार्वजनिक रूप से वापसी की. उनके अचानक इस्तीफे और लंबे समय तक गायब रहने पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे. अब उन्होंने सार्वजनिक रूप में राधाकृष्णन को शुभकामनाएं दीं, जिससे अटकलों पर विराम लगा.

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद वे पूरी तरह से सार्वजनिक जीवन और मीडिया से दूर हो गए थे. लेकिन ठीक 52 दिन बाद, वे एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक कार्यक्रम में दिखाई दिए. यह अवसर था भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह का, जहां सी. पी. राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली.
राष्ट्रपति भवन में हुआ भव्य शपथग्रहण समारोह
राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस आयोजन में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. कार्यक्रम में अनेक गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और वेंकैया नायडू भी शामिल थे. धनखड़ पहली पंक्ति में बैठे थे और इस दौोरान वेंकैया नायडू से बातचीत करते हुए भी नजर आए. दोनों के बीच कुछ देर की गुफ्तगू कैमरे में कैद हुई, जिसका वीडियो भी सामने आया है. हालांकि, वे किस विषय पर चर्चा कर रहे थे, यह स्पष्ट नहीं हो पाया.
जगदीप धनकड़ VP शपथ समारोह में शामिल है और अपनी जिम्मेदारी में ही है।
जितनी षड्यंत्र चले थे सब पर लगाम लगे।
नए VP बेहतरीन काम करेंगे। pic.twitter.com/k7Gfr3njMo— Baliyan (@Baliyan_x) September 12, 2025
कांग्रेस ने उठाए थे सवाल
धनखड़ के इस्तीफे के बाद, विपक्ष खासकर कांग्रेस ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि धनखड़ को "हाउस अरेस्ट" कर लिया गया है और सरकार उनके इस्तीफे पर चुप्पी साधे हुए है. उनकी अचानक गैरमौजूदगी ने राजनीतिक हलकों में कई तरह की अटकलों को जन्म दिया था. लेकिन अब, उपराष्ट्रपति के शपथ समारोह में उनकी सार्वजनिक उपस्थिति ने इन अटकलों को विराम देने का काम किया है.
पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया में दी शुभकामनाएं
शपथग्रहण से कुछ दिन पहले ही, जगदीप धनखड़ ने एक पत्र के माध्यम से सी. पी. राधाकृष्णन को शुभकामनाएं दी थीं. अपने पत्र में उन्होंने लिखा, “आपका इस प्रतिष्ठित पद पर आसीन होना हमारे लोकतंत्र की साख को दर्शाता है. आपके व्यापक अनुभव से उपराष्ट्रपति पद को और अधिक सम्मान मिलेगा.” यह पत्र उनके इस्तीफे के बाद पहली बार किसी सार्वजनिक प्रतिक्रिया के रूप में देखा गया.
राधाकृष्णन ने भारी बहुमत से जीता चुनाव
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार के रूप में राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में 452 वोट प्राप्त कर जीत दर्ज की. वहीं, उनके प्रतिद्वंद्वी बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 मत प्राप्त हुए. राधाकृष्णन के चुनाव ने यह भी दर्शाया कि एनडीए का संसद में कितना मजबूत समर्थन है.
स्वास्थ्य कारणों से दिया था इस्तीफा
धनखड़ ने अपने इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था. उनके इस अप्रत्याशित फैसले ने पूरे देश को चौंका दिया था. अब, उनकी वापसी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे राजनीति से पूरी तरह दूर नहीं हुए हैं और आने वाले समय में भी उनकी सक्रियता संभव है.


