गांधी परिवार मेरा भगवान है, आरएसएस की प्रार्थना विवाद पर 'माफी मांगने को तैयार' डीके शिवकुमार
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने आरएसएस गान विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य विपक्ष पर निशाना साधना था, न कि संगठन की प्रशंसा. उन्होंने कांग्रेस और गांधी परिवार के प्रति अपनी अटूट निष्ठा दोहराई और स्पष्ट किया कि उनकी माफी किसी दबाव में नहीं है.

RSS controversy: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मंगलवार को गांधी परिवार और कांग्रेस के प्रति अपनी अटूट निष्ठा दोहराई और हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का गान गाने पर हो रही आलोचनाओं को शांत करने का प्रयास किया. मीडिया से बात करते हुए शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि अगर उनकी टिप्पणी से किसी को ठेस पहुंची है, तो वे माफी मांगेंगे, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी माफी किसी राजनीतिक दबाव में नहीं है. शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने विधानसभा में चर्चा के दौरान आरएसएस का गान विपक्ष के नेता आर अशोक पर निशाना साधने के लिए गाया था, न कि संगठन की प्रशंसा करने के लिए.
विधानसभा में RSS की प्रार्थना का जिक्र
शिवकुमार ने कहा कि आज मैं आपके सामने इसलिए खड़ा हूं क्योंकि कुछ दिन पहले आईपीएल मैच के मुद्दे पर विपक्ष के नेता अशोक को हटाने के लिए हो रही चर्चा के संदर्भ में मैंने उनकी प्रार्थना के तीन वाक्य गाए थे. मेरा इरादा उनकी प्रशंसा करना नहीं था.
जनता में भ्रम पैदा करने की कोशिश
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने विधायक बनने से पहले 47 साल की उम्र में राजनीति विज्ञान में डिग्री हासिल की थी और उन्होंने कांग्रेस, गांधी परिवार, आरएसएस, भाजपा, जनता दल (सेक्युलर), कम्युनिस्टों और अन्य राजनीतिक दलों के इतिहास का गहन अध्ययन किया है. उन्होंने तर्क दिया कि उनके शब्दों का राजनीतिक लाभ के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मैंने बस टिप्पणी की और उन्हें आड़े हाथों लेने की कोशिश की. मेरे कुछ दोस्त इसका राजनीतिक लाभ उठा रहे हैं और इसका इस्तेमाल, दुरुपयोग करने और जनता में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.
मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं. मैं कांग्रेसी ही मरूंगा
शिवकुमार ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस और गांधी परिवार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अटूट है. उन्होंने कहा कि गांधी परिवार पर कोई सवाल नहीं उठा सकता. मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं. मैं कांग्रेसी ही मरूंगा. उन्होंने कहा कि उनका कोई भी बयान पार्टी आलाकमान के दबाव में नहीं आया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर किसी को ठेस पहुंची है, तो मुझे उनके लिए दुख है. मुझे लगता है कि मैं उन सभी से माफी मांगना चाहूंगा, लेकिन किसी राजनीतिक दबाव में नहीं. उन्होंने आगे कहा कि कुछ पार्टी सहयोगियों द्वारा उनकी टिप्पणियों पर टिप्पणी करना उन्हें पसंद नहीं आया. गांधी परिवार को अपनी राजनीतिक भक्ति का केंद्र बताते हुए शिवकुमार ने कहा, "भक्त और भगवान. गांधी परिवार मेरा भगवान है और मैं भक्त हूं."
पार्टी के प्रति मेरी प्रतिबद्धता
शिवकुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ अपने पुराने जुड़ाव का भी जिक्र किया, जिनके अधीन उन्होंने तीन दशकों से ज्यादा समय तक काम किया है. शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने महात्मा गांधी के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 100 कांग्रेस भवन बनाने का प्रस्ताव रखा था और उन्हें पार्टी का मंदिर बताया. उन्होंने कहा कि मैं यहां हूं या नहीं, कब तक रहूंगा, यह महत्वपूर्ण नहीं है. मैं अपनी पार्टी के इतिहास में बना रहना चाहूंगा. यही पार्टी के प्रति मेरी प्रतिबद्धता है.
तिहाड़ जेल के दिनों को किया याद
उपमुख्यमंत्री ने याद किया कि कैसे एक बार सरकार के संकट में होने पर उन्होंने पार्टी को बचाने के लिए लगभग 200 विधायकों को साथ लाया था और उन्होंने तिहाड़ जेल में बिताए समय और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मामलों सहित अपने द्वारा झेली गई कानूनी और व्यक्तिगत कठिनाइयों का भी जिक्र किया. उनका समर्थन करने वाले और उनकी आलोचना करने वालों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए शिवकुमार ने कहा कि आइए हम सब मिलकर कांग्रेस पार्टी के प्रति निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ काम करें.


